दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले में लॉकडाउन 3.0 अवधि के दौरान गुमला जिले के प्रवासी मजदूरों को अन्य जिलों से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. साथ ही गुमला जिले में दूसरे जिलों के फंसे हुए अप्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक सकुशल पहुंचाया जा रहा है. वहीं, जिले में वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार तथा भोजन की समस्या का सामना न करना पड़े, इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को उपायुक्त शशि रंजन ने अपने कार्यालय में जिले के सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग किये. इस दौरान उपायुक्त ने इन मजदूरों के वापस आने पर उनका जिला स्तर पर मनरेगा जॉब कार्ड बनाये जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया.
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उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशानुसार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिलों में वापस लाया जा रहा है. गुमला जिले के प्रवासी मजदूरों को भी वापस लाने की प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गयी है. जिले में पहुंचने पर सभी प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग एवं चिकित्सीय जांच की जा रही है. उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि स्क्रीनिंग में जिन मजदूरों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाये जाएंगे, उनके हाथों पर होम क्वारेंटाइन का स्टांप लगाया जायेगा. स्टैम्पिंग के साथ-साथ उन्हें चिकित्सक द्वारा पर्ची भी दी जायेगी, जो यह पुष्टि करेगी कि उक्त व्यक्ति की चिकित्सीय जांच पूर्ण हो चुकी है. उक्त व्यक्ति में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाये गये हैं. जांच के बाद मजदूरों को उनके संबंधित प्रखंडों में भेजा जायेगा.
उपायुक्त ने सभी बीडीओ व सीओ को अपने-अपने प्रखंड के जनप्रतिनिधियों, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक एवं मुखिया संग बैठक कर उन्हें इस बात की जानकारी देने का निर्देश दिया है कि गुमला जिला वापस लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को उनकी स्क्रीनिंग एवं चिकित्सीय जांच के बाद ही उनके घर भेजा जाये. उक्त मजदूरों के उनके घर पहुंचने पर उनके साथ भेदभाव न करते हुए उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखें. उपायुक्त ने रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों को होम क्वारेंटाइन में रखने का सख्त निर्देश दिया है. इस संबंध में अपने-अपने स्तर से अपने प्रखंड के प्रत्येक गांव में पंचायत सेवक/वार्ड सदस्य/रोजगार सेवक अथवा पारा टीचर को होम क्वारेंटाइन ऑफिसर/ सोशल डिस्टेंसिंग ऑफिसर के रूप में प्रतिनियुक्त करने का भी निर्देश दिया है.
उपायुक्त ने होम क्वारेंटाइन में रखे जाने की सलाह न मानने वाले व्यक्तियों तथा बाहर घूमने वाले व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 50-59 के तहत कानूनी कार्रवाई करने की भी बातें कही. अन्य जिलों से गुमला जिला वापस लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को रोजगार की समस्या का सामना न करना पड़े. इसका विशेष ध्यान रखते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि मजदूरों के वापस आने पर उनका जिला स्तर पर मनरेगा जॉब कार्ड बनाया जायेगा. साथ ही बाहर से आने वाले मजदूरों की उचित ट्रैकिंग कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कितने मजदूरों को रोजगार नहीं मिला है. वैसे मजदूरों का विशेष ख्याल रखते हुए उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया.
उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि अप्रवासी मजदूरों द्वारा रात के वक्त किसी भी प्रकार का आवागमन नहीं किया होगा. यदि रात के वक्त अप्रवासी मजदूर आते हैं, तो उन्हें प्रखंडों में ही रहने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. सभी प्रखंडों में जिला प्रशासन द्वारा बैट्री चालित स्प्रे मशीन उपलब्ध कराने की भी जानकारी दी. इस संबंध में उन्होंने निर्देश दिया कि उक्त स्प्रे मशीन में एक प्रतिशत हाईपोक्लोराईट सोल्यूशन का इस्तेमाल कर सभी क्वारेंटाइन केंद्रों एवं कोविड केयर सेंटर में निरंतर छिड़काव कराएं. इसके साथ ही उन्होंने इस मशीन द्वारा सभी प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में भी सेनेटाईजेशन करवाने का निर्देश दिया.
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उपायुक्त ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी सह इंसिडेंट कमांडर को अपने-अपने क्षेत्राें में मास्क अथवा फेस कवर का उपयोग नहीं करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उपायुक्त ने विगत दिनों ओलावृष्टि में हुए मानव क्षति एवं पशु क्षति का रिकॉर्ड जिन प्रकंडों द्वारा अप्राप्त हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द भेजने का भी निर्देश दिया है.