गुमला में बढ़ी मोमोज की डिमांड, ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानदार कर रहे हैं ये काम

सबसे बधिक बिरसा मुंडा एग्रो पार्क के समीप मोमोज की दुकान हैं, यहां 20 से अधिक मोमोज की दुकानें हैं. कुछ दुकानें ठेले पर चलते हैं, तो कुछ दुकानें स्थायी रूप से है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2023 11:50 AM

दुर्जय पासवान/अंकित चौरसिया, गुमला:

एक साल पहले तक मोमोज क्या है, यह गुमला के लोग नहीं जानते थे. क्योंकि, बड़े होटलों तक ही गुमला में मोमोज बिकता था. परंतु, अब हर गली-मुहल्ले में मोमोज की दुकानें चल रही हैं. बदलते समय व खान-पान को देखते हुए गुमला में मोमोज की डिमांड बढ़ गयी है. वेज व नॉन-वेज दोनों मोमोज की गुमला में खूब मांग है. अगर आंकड़ा देखा जाये, तो गुमला शहर में 100 से अधिक दुकानें मोमोज की हैं. ठेला व झोपड़ी में छोटी दुकान कर अब मोमोज बेचा जा रहा है. गुमला में कई ठेले सिर्फ शाम को मोमोज बेचने के लिए लगते हैं.

सबसे बधिक बिरसा मुंडा एग्रो पार्क के समीप मोमोज की दुकान हैं, यहां 20 से अधिक मोमोज की दुकानें हैं. कुछ दुकानें ठेले पर चलते हैं, तो कुछ दुकानें स्थायी रूप से है. गुमला शहर के कई बड़े होटलों में भी मोमोज बिकते हैं. दुकानदारों की माने, तो गुमला में मोमोज खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. गुमला शहर में प्रतिदिन लाखों रुपये के मोमोज की बिक्री हो रही है. वहीं कई दुकानदारों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपनी दुकानों का नाम भी अलग तरीके से रखा है, जिससे मोमोज खाने वाले उस दुकान तक पहुंच सकें.

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वेजिटेबल मोमोज बनाने की सामग्री : 

मैदा, नमक, बेकिंग पाउडर, लहसुन, सोया सॉस, नमक, सिरका, काली मिर्च के अलावा पत्तागोभी, गाजर, प्याज, लहसुन और धनिया पत्ता से भरा जाता है. इसके बाद मोमोज को स्टीम किया जाता है.

पारंपरिक वेज व नॉन वेज मोमोज : 

वेज मोमोज पत्तागोभी, गाजर, प्याज, लहसुन व धनिया जैसी बारीक कटी हुई सब्जियों से बनी रही है, जबकि नॉन वेज मोमोज चिकन से बनाया हुआ मांस से भरे होते हैं. सिर्फ भांप से बने मोमोज की डिमांड अधिक है. हालांकि स्टीम मोमोज की मांग भी अब धीरे-धीरे बढ़ रही हैं.

मैं विगत छह वर्षों से मोमोज बेच रहा हूं. प्रतिदिन पांच हजार रुपये का सेल सिर्फ मोमोज से होता है, जिससे उसके परिवार की जीविका आराम से चल रही है. गुमला में मोमोज की डिमांड बढ़ गयी है. अब तो गुमला में 100 से अधिक दुकानें मोमोज की हैं.

शानू बहादुर (पूर्व वार्ड पार्षद)

चार वर्षों से मोमोज बेच रहे हैं. प्रतिदिन करीब एक हजार से डेढ़ हजार रुपये के मोमो बेचते हैं. शुरुआती समय में मोमोज की कम ब्रिकी थी. परंतु, एक सालों से मोमोज का सेल बढ़ गया है. अब तो गुमला शहर में हर ठेला में मोमोज की बिक्री होती है.

अरविंद साहू (दुकानदार)

पांच वर्षों से ठेला में मोमोज समेत अन्य चाइनीज आइटम बेच रहे हैं. इससे प्रत्येक दिन चार से पांच सौ रुपये की आमदनी हो हो रही है. वेज मोमो 50 रुपये प्लेट व चिकन मोमज 60 रुपये प्लेट बिकता है. प्रतिदिन पांच हजार रुपये से अधिक का बिजनेस होता है.

भोला साहू (दुकानदार)

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