झारखंड में आधे से अधिक चिह्नित हेल्थ वर्कर्स ने नहीं दिखलायी कोरोना वैक्सीन में रुचि, 163 सेंटर में लग रहे हैं टीके
Coronavirus vaccination News, Jharkhand News, Chaibasa News : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के रूप में कोविशिल्ड एवं कोवैक्सीन को मंजूरी दी गयी, लेकिन कोरोना वैक्सीन को लेकर देश भर में फैले अफवाहों का असर झारखंड में भी दिखा है. परिणाम स्वरूप झारखंड के कुल 1.62 लाख हेल्थ वर्कर्स के फर्स्ट फेज में 10 दिन के वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए चिह्नित कुल 86,946 वर्कर्स में से मात्र 48,013 हेल्थ वर्कर्स को ही कोविड-19 का टीका लगाया जा सका है यानी कुल टारगेट 54 फीसदी हेल्थ वर्कर्स में से 01 फरवरी, 2021 तक मात्र 18 फीसदी वर्कर्स ने ही टीका लगवाया है.
Coronavirus vaccination News, Jharkhand News, Chaibasa News, चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के रूप में कोविशिल्ड एवं कोवैक्सीन को मंजूरी दी गयी, लेकिन कोरोना वैक्सीन को लेकर देश भर में फैले अफवाहों का असर झारखंड में भी दिखा है. परिणाम स्वरूप झारखंड के कुल 1.62 लाख हेल्थ वर्कर्स के फर्स्ट फेज में 10 दिन के वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए चिह्नित कुल 86,946 वर्कर्स में से मात्र 48,013 हेल्थ वर्कर्स को ही कोविड-19 का टीका लगाया जा सका है यानी कुल टारगेट 54 फीसदी हेल्थ वर्कर्स में से 01 फरवरी, 2021 तक मात्र 18 फीसदी वर्कर्स ने ही टीका लगवाया है.
दरअसल, केंद्र के गाइडलाइन के तहत कोरोना से बचाव को लेकर जारी की गयी फर्स्ट फेज के वैक्सीन का पहला डोज हेल्थ वर्कर्स को ही लगना था. वहीं, देश भर में विगत 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के बाद राज्य के कुल 24 जिलों में गत 01 फरवरी, 2021 तक 10 दिन का टीकाकरण अभियान चला है. इन 10 दिनों में राज्य में कुल चिह्नित 86,946 वर्कर्स में से 48,013 वर्करों ने ही टीका लगवाया है. इससे राज्य स्वास्थ्य विभाग खासा परेशान हैं. ऐसे में हेल्थ वर्कर्स को जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण से वंचित रह जाने पर साफ तौर पर हमेशा के लिए टीका नहीं लगने की चेतावनी भी दी जा रही है.
10 फरवरी तक होगा हेल्थ वर्कर्स का फर्स्ट फेज वैक्सीनेशन
झारखंड स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किये गये पत्र में सभी जिलों के सिविल सर्जन को बताया गया है कि किसी भी हाल में आगामी 10 फरवरी तक राज्य भर में चिह्नित हेल्थ वर्कर्स के फर्स्ट फेज का टीकाकरण अभियान पूरा करना है. साथ ही सेकेंड फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दिया जाना है. वहीं, दूसरी ओर अबतक किसी भी जिले के द्वारा टीकाकरण को लेकर चिह्नित हेल्थ वर्कर्स में से 50 फीसदी का टारगेट भी पूरा नहीं किया जा सका है. इतना ही नहीं, राज्य के 10 जिले अबतक चिह्नित हेल्थ वर्कर्स के कुल टारगेट का 30 फीसदी कर्मियों को भी वैक्सीन नहीं लगा पाये हैं. उक्त 10 जिलों में धनबाद, दुमका, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, रांची, जामताड़ा, पाकुड़, साहेबगंज, रामगढ़ शामिल है. इससे जिला स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी परेशान है.
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टीकाकरण में तेजी व अफवाह फैलने पर कार्रवाई के निर्देश
हेल्थ वर्कर्स के टीकाकरण अभियान में तेजी लाने को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के डीसी व सीएस को एलर्ट किया गया है. इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने सभी जिलों के डीसी को पत्र भेज कर कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया.
वैक्सीन की दौड़ में धनबाद, चाईबासा व रांची की स्थिति सबसे खराब
कोविड-19 वैक्सीनेशन की दौड़ में शामिल झारखंड के कुल 24 जिलों में से 10 जिलों की स्थिति सबसे दयनीय है. इनमें धनबाद सबसे आगे है. दरअसल, धनबाद के कुल 12,144 हेल्थ वर्कर्स में से 01 फरवरी तक 2496 कर्मियों को ही टीका लगना था यानी कुल टारगेट का 21 फीसदी हेल्थ वर्कर्स को टीका लगना था, लेकिन इनमें भी मात्र 1528 वर्कर्स को ही टीका लगा है. इससे धनबाद में अबतक सबसे कम 13 फीसदी वर्कर्स को टीका लगा है. इसके बाद पश्चिमी सिंहभूम वैक्सीनेशन से पिछड़ने में पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर है. यहां जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल 8149 हेल्थ वर्कर्स में से 2497 कर्मियों का चुनाव टीकाकरण के लिए किया गया था. यानी कुल टारगेट का 31 फीसदी हेल्थ वर्कर्स को टीका लगना था, लेकिन इनमें मात्र 1448 वर्कर्स का ही टीकाकरण हुआ है.
ऐसे में पश्चिमी सिंहभूम में अबतक मात्र 18 फीसदी ही वर्कर्स को टीका लगा है. वहीं, टीकाकरण से पिछड़ों की दौड़ में तीसरे स्थान पर राज्य की राजधानी रांची शामिल है. यहां विभाग के द्वारा कुल 22,594 हेल्थ वर्कर्स में से 8213 स्वास्थ्य कर्मियों को 10 दिनों में टीका लगाना था यानि कुल टारगेट का 36 फीसदी 4784 वर्कर्स ने ही टीका लगवाया है. जिस कारण रांची में 1 फरवरी तक 21 फीसदी ही हेल्थ वर्कर्स को टीका लगा है.
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राज्य में खूंटी, कोडरमा व पलामू की स्थिति सबसे बेहतर
16 जनवरी से जारी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के 10 दिनों में झारखंड राज्य के खूंटी, पलामू व कोडरमा जिले की स्थिति सबसे बेहतर है. यहां चिह्नित हेल्थ वर्कर्स में से लगभग 50 फीसदी के आसपास कर्मियों ने टीकाकरण कराया है. दरअसल, राज्य के पलामू जिले में कुल 7642 हेल्थ वर्कर्स में चिह्नित 5293 यानी 69 फीसदी कर्मियों को फर्स्ट फेज का टीका लगना था. इनमें से कुल 3654 यानी कुल 48 फीसदी कर्मियों को कोरोना का वैक्सीन लगा है. इसके बाद खूंटी जिले में कुल 3084 हेल्थ वर्कर्स में चिह्नित 2776 यानी 90 फीसदी कर्मियों को फर्स्ट फेज का टीका लगना था. इनमें से कुल 1445 यानी कुल 47 फीसदी कर्मियों को कोरोना का वैक्सीन लगा है. वहीं, टीकाकरण की दौड़ में बेहतर जिले की दौड़ में राज्य का कोडरमा तीसरे पायदान पर है. यहां कुल 3271 हेल्थ वर्कर्स में चिह्नित 2734 यानी 84 फीसदी कर्मियों को फर्स्ट फेज का टीका लगना था. इनमें से कुल 1497 यानी कुल 46 फीसदी कर्मियों ने कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया है.
4 से 14 फरवरी तक 10 जिलों में होगा सिरो सर्वे
झारखंड के 10 जिलों में 4 से 14 फरवरी, 2021 तक कोरोना की स्थिति का पता लगाने के लिए सिरो सर्वे होगा. ICMR भुवनेश्वर की टीम सर्वे करेगी. सर्वे के लिए चिह्नित 10 जिलों में पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद, रांची, पलामू, बोकारो, गढ़वा, हजारीबाग, दुमका और खूंटी शामिल है. सिरो सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कर्मी, कुरियर ब्वॉय व बैंककर्मी के रैंडम सैंपल लिये जायेंगे. प्रत्येक जिलों से 500- 500 सैंपल लिये जायेंगे. इसकी जांच ICMR द्वारा की जायेगी. जांच में टीम यह पता लगायेगी कि कितनी प्रतिशत आबादी कोरोना से संक्रमित हुई और उनमें इसके बाद हर्ड इम्युनिटी आयी या नहीं. इम्युनिटी में किस प्रकार के परिवर्तन आया है.
Posted By : Samir Ranjan.