गुमला : बरसात शुरू होते ही गुमला शहर के लोगों का मच्छरों ने जीना मुहाल कर दिया है. बिजली भी ठीक ढंग से नहीं मिल रही है. जिससे लोगों को दिनचर्या प्रभावित हो गयी है. कई मुहल्लों में नाली व सड़क नहीं है. बरसात का पानी सड़कों पर जमा हो गया है. लोग कीचड़ व पानी से होकर सफर करने को विवश हैं. शहर की इन्हीं समस्याओं को लेकर मिशन बदलाव गुमला द्वारा ऑनलाइन मीटिंग की गयी. जिसमें गुमला शहर के लोगों ने भाग लिया.
चेंबर ऑफ कॉमर्स, गुमला भक्त ग्रुप व मीडियाकर्मी भी कार्यक्रम में भाग लेकर गुमला शहर की समस्याओं को प्रमुखता से रखा. साथ ही समस्याओं को लेकर नगर परिषद व गुमला उपायुक्त को लिखित आवेदन देने का निर्णय लिया गया. समस्या दूर नहीं होने के बाद आंदोलन करने पर सहमति बनी.
आंदोलन के प्रथम फेज में लिखित ज्ञापन सौंपना, दूसरे फेज में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन करना व तीसरे फेज में शहर में गलत तरीके से हो रहे कामों को बंद कराने का निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमित कुमार सिंह ने कहा कि हमारा शहर है. हम चाहते हैं.
गुमला बेहतर हो. परंतु यहां कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के कारण गुमला शहर का विकास बाधित है. इसलिए अब मिशन बदलाव के नेतृत्व में आंदोलन किया जायेगा. भूषण भगत व राज कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के जो भी मुद्दे आ रहे हैं. उन मुद्दों को मुखर होकर रखेंगे. इसके लिए चाहे जिस प्रकार भी लड़ाई लड़नी हो. हम अपनी बातों को शांति पूर्ण तरीके से उचित प्लेटफार्म में जाकर रखेंगे. ताकि उन समस्याओं का निराकरण हो सके. समस्या दूर नहीं होने पर जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी.
बैठक में उपस्थित लोग : बैठक में प्रदीप वर्मा, अनंत कुमार, चेंबर अध्यक्ष हिमांशु केशरी, निर्मल कुमार, निर्मल सिंह, पवन कुमार, प्रकाश रंजन, अश्विनी राज, राजेश कुमार गुप्ता, रमेश कुमार, संजय आनंद, सत्यजीत कुमार, शंकर लाल जाजोदिया, शिशिर कुमार गुप्ता, सचिन कुमार, मो तबरेज सहित कई लोग थे.
गुमला शहर में कई मुहल्ले हैं. जहां नाली व सड़क नहीं बनी है. जगह-जगह जलजमाव है. बारिश का पानी घरों में घुस रहा है. लोगों को नरक की जिंदगी जीना पड़ रहा है.
सर्किट हाउस से लेकर करमटोली स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर तक सड़क खराब है. बारिश का पानी सड़कों पर जमा है. सावन माह में श्रद्धालुओं को परेशानी होगी. सड़क की मरम्मत जरूरी है.
गुमला शहर में हल्की बारिश में ही बिजली कट हो जा रही है. विभाग के अधिकारियों से बात करने पर हजारों बहाने बनाये जाते हैं. बिजली नहीं रहने से लोगों को परेशानी हो रही है.
गुमला शहर में हर एक-दो दिन के बाद सप्लाई पानी बंद कर दी जाती है. पेयजल विभाग के लोग भी बहाना मारते हैं. गुमला में कई लोग मोटर मशीन से पानी खींच लेते हैं.
नगर परिषद गुमला द्वारा आम जनता से टैक्स ले रही है. परंतु जो सुविधा देनी चाहिए. वह सुविधा देने में नगर परिषद नाकाम है. टैक्स कम करने की मांग को रखने का निर्णय लिया.
बरसात शुरू होते ही शहरी क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. किसी भी मुहल्ले में फॉगिंग मशीन नहीं चलायी गयी है. मशीन की गाड़ी सिर्फ अधिकारियों के क्वार्टर में घूमती है.
गुमला शहर के बिजली पोल में वेपर लाइट या फिर बल्व लगा था. परंतु अधिकांश पोल के वेपर लाइट व बल्व खराब है. रात होते ही कई मुहल्लों में अंधेरा छा जाता है.
गुमला शहर से गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण नदियां का अतिक्रमण कर लिया गया है. जिससे 15 से 20 फीट चौड़ी नदी अब संकीर्ण होकर नाला बन गयी है. नदियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाये.
Posted By : Sameer Oraon