Jharkhand News: गुमला समेकित जनजाति विकास अभिकरण (आईटीडीए) कार्यालय के तत्वावधान में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत सदर प्रखंड के अनुसूचित जनजाति लाभुकों के बीच आयोजित बकरा-बकरी एवं बत्तख चूजा वितरण कार्यक्रम में उपायुक्त ने बकरा-बकरी का वितरण करने से इनकार कर दिया. मंच के माध्यम से उपायुक्त ने सांकेतिक रूप से कुछ लाभुकों के बीच केवल बत्तख चूजा का वितरण किया. बकरा-बकरी सप्लायर के खिलाफ केस करने का आदेश दिया और सप्लायर के एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने को कहा.
दरअसल, कार्यक्रम शुरू होने के बाद जानकारी दी गयी कि मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत 34 अनुसूचित जनजाति लाभुकों को 24 हजार 800 रुपये की लागत वाली ब्लैक बंगाल नस्ल के 10-10 किग्रा की चार-चार बकरियां एवं 12-12 किग्रा का एक-एक बकरा दिया जा रहा है. वहीं 30 अनुसूचित जनजाति लाभुकों को 1700 रुपये की लागत वाली 15-15 बत्तख चूजा दिया जा रहा है. मंच पर संबोधन के दौरान उपायुक्त ने लाभुक किसानों को भी इसकी जानकारी दी और अच्छे से देखभाल कर उसे बड़ा करने एवं उनकी संख्या बढ़ने के बाद उसे बेचकर आर्थिक आमदनी करने के लिए प्रेरित किया.
Also Read: झारखंड के राजकीय इटखोरी महोत्सव का आगाज, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता बोले-भद्रकाली मंदिर का होगा विकास
इस मौके पर उपायुक्त ने मंच के माध्यम से ही कुछ लाभुकों के बीच बत्तख चूजा का वितरण किया. इसके बाद बकरा-बकरी वितरण के लिए उपायुक्त जब नगर भवन के परिसर के लिए निकले और वितरण किये जाने वाले बकरा-बकरी को उनके समक्ष लाया गया, तो उपायुक्त ने देखा कि बकरा-बकरी का वजन कम है. देखने से ही लग रहा था कि बकरा-बकरी का वजन कम है. प्राय: बकरा-बकरी का वजन लगभग पांच से आठ-नौ किग्रा तक ही था. इस पर उपायुक्त भड़क उठे. उन्होंने बकरा-बकरी का वितरण करने से इनकार कर दिया.
Also Read: झारखंड में 80 वर्ष के बुजुर्ग ने बिस्किट खिलाने के बहाने 4 साल की मासूम से किया दुष्कर्म, गया जेल
उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित सप्लायर से बात की और फटकार लगायी. उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित आईटीडीए परियोजना निदेशक को सप्लायर पर केस करने एवं सप्लायर के एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने को कहा. इस संबंध में आईटीडीए परियोजना निदेशक से बात करने पर उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ही सप्लायर के माध्यम से बकरा-बकरी उपलब्ध कराने का आदेश हुआ है, परंतु सप्लायर द्वारा निर्धारित वजन से भी कम वजन का बकरा-बकरी लाया गया. सप्लायर से स्पष्टीकरण पूछेंगे और विभाग को सप्लायर के खिलाफ रिपोर्ट करेंगे, ताकि दूसरे सप्लायर के माध्यम से लाभुकों को निर्धारित वजन का बकरा-बकरी दिया जा सके.
Also Read: झारखंड के 75 रोजगार सेवकों का सामूहिक इस्तीफा, मनरेगा के कार्य होंगे प्रभावित, इस्तीफे की ये है वजह
रिपोर्ट: जगरनाथ