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प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे नेमप्लेट लगाने पर प्रतिबंध, आदेस न मानने वालों के खिलाफ अब अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी

वाहन के शीशे के भीतर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किये जाने का आदेश पूर्व में ही जारी किया गया है. परंतु लोग उक्त निर्देशों का अनुपालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. अब ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध नियमित रूप से अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट व बोर्ड लगाने की छूट दी है. किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढका नहीं होना चाहिए.

गुमला : झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. यह जानकारी गुमला जिला परिवहन पदाधिकारी विजय सिंह बिरूवा ने दी. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा है.

वाहन के शीशे के भीतर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किये जाने का आदेश पूर्व में ही जारी किया गया है. परंतु लोग उक्त निर्देशों का अनुपालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. अब ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध नियमित रूप से अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट व बोर्ड लगाने की छूट दी है. किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढका नहीं होना चाहिए.

नेम प्लेट का आकार 18 गुणा छह इंच से अधिक नहीं होना चाहिए. विधायिका के लिए हरा, न्यायपालिक, वैधानिक आयोग, कार्यापालिका व केंद्रीय कार्यालय के लिए लाल व विधि व्यवस्था संधारण व प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए नीला रंग का बोर्ड लगाना होगा. उन्होंने बताया कि वर्गवार अलग-अलग संस्थानों एवं पदाधिकारियों को वाहनों पर नेम प्लेट लगाने की छूट प्रदान की गयी है.

विधायिका में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदधारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सत्ताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान की 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटोकॉल के तहत आने वाली गाड़ियों, न्यायपालिका प्राधिकार में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त,

राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त, कार्यपालक प्राधिकार में मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागा के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, वैधानिक आयोग में जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य निःशक्ता आयुक्त, राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति,

केंद्रीय कार्यालय में प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक एवं विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों में डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी, सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, सहायक जिला खनन पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को छूट दी गयी है. उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों से उपरोक्त आदेश के अनुसार ही अपने वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर मोटर यान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी साथ ही न्यायालय की अवमानना का केस भी किया जायेगा.

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