काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : डीसी

काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : डीसी

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 9:07 PM

पालकोट.

बस पड़ाव पालकोट स्थित लैंपस का उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने औचक निरीक्षण किया. लैंपस में धान अधिप्राप्ति केंद्र शुरू हो गया है. डीसी जब जांच करने पहुंचे, तो यहां ई-पॉश मशीन की बैट्री डिस्चार्ज थी. लैंपस सचिव प्रमोद कुमार साहू को डीसी ने फटकार लगाते हुए काम में सुधार लाने को कहा. जिला कृषि पदाधिकारी को कई दिशा-निर्देश दिये. काफी मशक्कत के बाद ई-पॉश मशीन चालू हुई. तब डीसी लैंपस में काम कर रहे लोगों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि की काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके बाद उपायुक्त प्रखंड परिसर में बने पुस्तकालय का निरीक्षण करने पहुंचे. पुस्तकालय का निरीक्षण के दौरान पुस्तकालय में मात्र एक छात्र को देख कर बीडीओ विजय उरांव को अपने स्तर से पुस्तकालय में पढ़ाई करने वालों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. इसके अलावा लाइब्रेरियन सुरेश इंदवार से पूछताछ करते हुए पुस्तकालय को सही व नियमित रूप से रोजाना देखभाल करने का निर्देश डीसी द्वारा दिया गया. शुभम कंसारी से पुस्तकालय में मिलते हुए पुस्तकालय में मिलने वाली सुविधाओं से अवगत हुए. इस अवसर पर एसडीओ जयवंती देवगम, बीडीओ विजय उरांव समेत अन्य मौजूद थे.

पारंपरिक कारीगरी को मिलेगा नया आयाम : डीसी

बसिया.

उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बसिया प्रखंड के पोकटा पंचायत स्थित रामजड़ी गांव का दौरा किया. यह गांव ब्रास कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है, जहां के 250 परिवार पारंपरिक रूप से इस कला से जुड़े हैं. उपायुक्त ने कारीगरों के पारंपरिक कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चल रही योजनाओं और प्रयासों का जायजा लिया. उपायुक्त ने रामजड़ी गांव में ब्रास एवं ब्रॉन्ज क्लस्टर का उद्घाटन किया. इस क्लस्टर का उद्देश्य कारीगरों को सामूहिक रूप से एक मंच प्रदान करना है, जहां वे अपनी कला को और निखार सकें. उपायुक्त ने कारीगरों से उनके व्यवसाय को और सुदृढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने कारीगरों को आधुनिक तकनीकों और बाजार तक पहुंच बनाने में मदद का आश्वासन दिया. मौके पर 50 ब्रास कारीगरों को सुरक्षा उपकरण (टूल किट) दिया गया. कहा कि जल्द कारीगरों के लिए एक सामुदायिक सुविधा केंद्र (CFC) भवन का निर्माण किया जायेगा. उन्होंने कारीगरों को सहकारी समितियों से जोड़ने और उनके उत्पादों का रजिस्ट्रेशन करवाने के भी निर्देश दिये. इस दौरान कारीगरों द्वारा निर्मित बर्तनों की प्रदर्शनी लगायी गयी.

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