गुमला का नशा विमुक्ति केंद्र नशे के शिकार लोगों के लिए हाथी का दांत साबित हो रहा है. आनन-फानन में केंद्र का उद्घाटन कर दिया गया, परंतु उक्त केंद्र नशे के शिकार लोगों को नशा से छुटकारा दिलाने में असमर्थ साबित हो रहा है, क्योंकि अभी तक केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं हो सकी है. केंद्र पहुंचने वाले लोगों को अब डॉक्टर का इंतजार है.
बताते चले कि गुमला में पुराने प्रखंड सह अंचल कार्यालय को नशा विमुक्ति केंद्र बनाया गया है, जिसका संचालन प्रज्वलित विहार रांची संस्थान द्वारा किया जा रहा है. केंद्र का प्रायोजक महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग है. केंद्र में नशा के शिकार लोगों को प्रतिदिन 24 घंटे डॉक्टर परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, नि:शुल्क उपचार व दवाईयां, पुन: शिक्षा सत्र, योग सत्र, पारिवारिक शिक्षा एवं स्वयं सहायता समूह का गठन व समाज में पुन: एकीकर जैसी सुविधाएं दी जानी हैं.
इधर, केंद्र का उद्घाटन बीते 18 मई को गुमला जिला के स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया है. 18 मई को उद्घाटन के बाद तीन माह गुजर चुका है. परंतु अभी तक केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं हो सकी है. इन तीन माह में लगभग तीन दर्जन लोग केंद्र पहुंच चुके हैं, जिसमें लगभग 20 लोगों ने केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि बाकी के लोग केंद्र पहुंचने के बाद केंद्र में नशा से छुटकारा दिलाने के लिए किये जाने वाले उपचार के बारे में जानकारी लेकर वापस लौट चुके हैं.
केंद्र पहुंचने वाले लोगों में किसी का बेटा नशेड़ी है, तो किसी का पति नशे की गिरफ्त में है. नशा से छुटकारा दिलाने के लिए परिजन अपनी व्यथा लेकर नशा विमुक्ति केंद्र पहुंचने लगे हैं. परंतु केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं होने के कारण ऐसे लोगों को केंद्र से निराशा हाथ लग रही है. इस कारण लोग सिर्फ उचित परामर्श प्राप्त करने के बाद बैरंग लौट जा रहे हैं.
केंद्र के कर्मी ने कहा: केंद्र के कर्मी अरविंद कुमार ने बताया कि लोग केंद्र आ रहे हैं. प्राय: लोगों द्वारा हड़िया, दारू, गांजा, टैबलेट जैसी चीजों का नशा करने की शिकायत की जा रही है. ऐसे लोगों की काउंसलिंग की जा रही है और उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया जा रहा है. डॉक्टर के आने के बाद ऐसे लोगों से संपर्क कर केंद्र बुलाया जायेगा, ताकि उनके घर में नशा से प्रभावित का उपचार किया जा सके.
नशा से जकड़ा हुआ युवा वर्ग: गुमला में तेजी से नशा का कारोबार फैला है. आज से पांच साल पहले तक गुमला में हड़िया, महुआ दारू, चुलैया दारू बिकता था. कुछ बहुत गांजा भी बिकता था. परंतु, अब कोरेक्स, अफीम, डोडा जैसे नशा का कारोबार गुमला में शुरू हो गया है. खासकर, गुमला के युवा इन नशों से जकड़े हुए हैं. स्कूली बच्चे भी इसके गिरफ्त में आ रहे हैं. ऐसे में नशा विमुक्ति केंद्र का लाभ नहीं मिलने से नशा में जकड़ रहे युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने में परेशानी हो रही है.