ना भोजन मिला न मिली गाड़ी, गुस्साये मजदूरों ने हंगामा किया और पैदल अपने घर चल पड़े
गुमला : मजदूर व उनके बच्चे भूखे थे. भोजन मांगते रहे. परंतु नहीं मिला. गाड़ी मांगी तो अधिकारी कहते रहे, इंतजार करो. बच्चों की भूख व घर पहुंचने की जिद में गुरुवार को गुस्साये मजदूरों ने गुमला में हंगामा किया. अधिकारियों पर भड़ास निकाली. इसके बाद परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम से करीब 150 मजदूर पैदल अपने घर जाने के लिए निकल पड़े. महिलाएं बच्चों को गोद में लिए हुए थी. घर जाने के लिए शहर में निकले शहरवासी मजदूरों को देखकर उनसे दूरी बनाते नजर आए. ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने मजदूरों को रोकने का प्रयास किया. परंतु 50 से अधिक मजदूर पुलिस की बातों को दरकिनार करते हुए घर जाने के लिए पैदल ही चल पड़े. जबकि 100 से अधिक मजदूरों को पुलिस जवानों ने किसी प्रकार समझाकर वापस स्टेडियम व नगर भवन भेजा.
गुमला : मजदूर व उनके बच्चे भूखे थे. भोजन मांगते रहे. परंतु नहीं मिला. गाड़ी मांगी तो अधिकारी कहते रहे, इंतजार करो. बच्चों की भूख व घर पहुंचने की जिद में गुरुवार को गुस्साये मजदूरों ने गुमला में हंगामा किया. अधिकारियों पर भड़ास निकाली. इसके बाद परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम से करीब 150 मजदूर पैदल अपने घर जाने के लिए निकल पड़े. महिलाएं बच्चों को गोद में लिए हुए थी. घर जाने के लिए शहर में निकले शहरवासी मजदूरों को देखकर उनसे दूरी बनाते नजर आए. ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने मजदूरों को रोकने का प्रयास किया. परंतु 50 से अधिक मजदूर पुलिस की बातों को दरकिनार करते हुए घर जाने के लिए पैदल ही चल पड़े. जबकि 100 से अधिक मजदूरों को पुलिस जवानों ने किसी प्रकार समझाकर वापस स्टेडियम व नगर भवन भेजा.
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जानें, मजदूरों ने हंगामा क्यों किया
भूखे-प्यासे मजदूर जब सड़क पर उतरे और अधिकारियों को खरीखोटी सुनाते हुए पैदल बढ़ने लगे तो कुछ प्रबुद्ध लोगों ने फोन कर इसकी सूचना प्रभात खबर प्रतिनिधि दुर्जय पासवान को दी. सूचना पर मामले की जानकारी ली गयी. रास्ते में कई समूह में मजदूरों को अपने घर की ओर पैदल जाते देखा गया. राह चलते कुछ मजदूरों ने कहा : उम्मीद थी. गुमला में प्रशासन मदद करेगा. परंतु प्रशासन मदद के नाम पर भूखे रखे हुए है. गाड़ी मांगने पर इंतजार करो कि बात रट रहे हैं.
मजदूरों ने कहा कि 24 घंटे से परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम गुमला में पड़े हुए हैं. रातभर अम्फान चक्रवात से डर लग रहा था कि अगर मौसम खराब होगा तो स्टेडियम में कैसे रहेंगे. बुधवार को तो किसी प्रकार दिन गुजारा. गुरुवार की सुबह खाने के लिए मांगते रहे. परंतु किसी ने मदद नहीं की. न तो भोजन की व्यवस्था की. इसलिए हमलोग पैदल अपने घर जा रहे हैं. सिमडेगा जिला के मजदूर बालकेश्वर ने कहा कि हम सभी पहले से परेशान हैं. ऊपर से मदद के बजाये ठहरो-ठहरो की रट अधिकारी लगाये हुए हैं. भूख को कब तक कंट्रोल करेंगे. हम भी इंसान हैं. अब घर जायेंगे. तभी मन को शांति मिलेगी.
मजदूरों ने सुनायी पीड़ा
बिहार के एक मजदूर ने कहा कि हमारे ग्रुप में करीब 50 मजदूर हैं. हमलोग पटना, पलामू, लोहरदगा व भागलपुर जिला के हैं. बुधवार से घर जाने के लिए बस मांग रहे हैं. एक व्यक्ति आया तो बोला कि बस की व्यवस्था हो जायेगी. परंतु पैसा लगेगा. मजदूर ने कहा कि जब हमारे पास पैसा रहता तो हम प्रशासन की शरण में जाते. ट्रक बुक करके अबतक घर नहीं पहुंच जाते.
मजदूरों ने कहा कि हम हैदरबाद से गुमला तक आये. जो कमाये थे. रास्ता में खत्म हो गया. अब घर जाने के लिए पैसा नहीं है. इसलिए प्रशासन गाड़ी दें या तो फिर हमें मजबूरी में पैदल घर जाना पड़ेगा. मजदूर ने कहा : प्रशासन ने गाड़ी नहीं दी. अब हम पैदल अपने घर जायेंगे. गुमला प्रशासन को सोचना चाहिए कि हम पहले से परेशान हैं. गुमला आने के बाद और परेशान किया जा रहा है.
प्रभात खबर की सूचना पर हुई पहल
स्टेडियम में हंगामा करने के बाद मजदूर पैदल निकल गये. इसकी सूचना फोन पर प्रभात खबर द्वारा गुमला डीसी शशि रंजन को दी गयी. डीसी ने कहा कि खाने की व्यवस्था है. मजदूरों के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की जा रही है. कौन रूट से बस जायेगी और कितने मजदूर. इसकी सूची तैयार हो रही है. परंतु मजदूर अड़े हुए हैं कि उन्हें जल्दी भेजा जाये. इधर, जैसे ही डीसी को मजदूरों के सड़क पर उतरने की सूचना मिली. डीसी ने पुलिस प्रशासन के माध्यम से सभी मजदूरों को जगह-जगह रोककर वापस स्टेडियम में लाने की व्यवस्था की. पुलिस के जवान जो ड्यूटी कर रहे थे. उन लोगों ने कई मजदूरों को लाठी से हांक कर वापस कराया.
महिला ने मजदूरों को फल खिलाया
टावर चौक व पालकोट रोड के समीप दर्जनों मजदूर अपने घर जाने के लिए रास्ता खोज रहे थे. वहां तैनात पुलिस जवानों को मजदूरों ने भूख लगने की जानकारी दी. तभी रास्ते से गुजर रही युवती रेणु बाखला ने सभी मजदूरों को खरीदकर फल खिलाया. वहीं समाजसेवी श्याम मंत्री भी वहां पहुंच गये. उन्होंने सभी मजदूरों के लिए मिनरल वाटर की व्यवस्था करायी. सभी सिमडेगा, पाकुड़, रांची, खूंटी जाने वाले मजदूरों को वापस लौटकर स्टेडियम जाने के लिए कहा गया. जहां प्रशासन से गाड़ी की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया.