गुमला धर्मप्रांत के सभी 38 चर्चों में ओमिक्रॉन (कोरोना) से बचने की विशेष तैयारी की गयी है. 50 प्रतिशत श्रद्धालुओं की उपस्थिति में चर्चों में प्रार्थना होगी. मास्क, सैनिटाइजर व सामाजिक दूरी का पालन करना है. वहीं क्रिसमस पर्व में चर्चों में होनेवाले रात्रि जागरण एवं प्रात: कालीन मिस्सा पूजा की तैयारियां पूरी कर ली गयी है.
इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण संत पात्रिक महागिरजाघर गुमला के अलावा गुमला शहर एवं शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के चर्चों में भी रात्रि जागरण एवं प्रात: कालीन मिस्सा पूजा होगी. इसके लिए संत पात्रिक महागिरजा गुमला की ओर से संबंधित चर्चों के पदाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है.
पत्र के माध्यम से रात्रि जागरण एवं प्रात:कालीन मिस्सा सहित कोरोना से बचने के नियमों का पालन करने संबंधित आदेश भी जारी किया गया है. साथ ही रात्रि जागरण एवं प्रात: कालीन मिस्सा के दौरान सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने, अनिवार्य रूप से मास्क पहनने एवं सामाजिक दूरी के नियमों के पालन के साथ मात्र 50 प्रतिशत श्रद्धालुओं की उपस्थिति ही सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
इधर, 24 दिसंबर को रात्रि जागरण का मुख्य मिस्सा संत पात्रिक महागिरजा में रात्रि 10.30 बजे से होगा. मिस्सा के मुख्य अनुष्ठाता गुमला धर्मप्रांत के प्रशासक फादर लिनुस पिंगल एक्का होंगे, जबकि संत पात्रिक महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का सहित अन्य पुरोहित मिस्सा पूजा में सहायक होंगे. वहीं संत अन्ना, उर्सुलाइन, संत इग्नासियुस एवं नेट्रोडैम में भी रात्रि जागरण का मिस्सा होगा.
रात्रि जागरण के बाद 25 दिसंबर की सुबह सात बजे उपरोक्त स्थानों में प्रात: कालीन मिस्सा भी होगी. इसके अलावा बोक्टा महुआटोली, तेलगांव, कुंबाटोली, बरिसा नकटीटोली आदि जगहों पर भी 25 दिसंबर की सुबह सात बजे प्रात: कालीन मिस्सा होगा. पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का ने बताया कि 24 दिसंबर को रात्रि जागरण एवं 25 दिसंबर को प्रात: कालीन मिस्सा की तैयारियां पूरी हो गयी है. कोरोना महामारी के कारण इस बार कई चर्चों में मिस्सा का आयोजन किया जा रहा है. मिस्सा के दौरान कोरोना महामारी से बचने के नियमों का पालन किया जायेगा.