झारखंड के गुमला जिले में सरसों की अधिक पैदावार की चल रही तैयारी, 40 हेक्टेयर में होगी खेती
दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुमला जिले के 40 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती होगी. इसके लिए किसानों को तैयार किया गया है. इस कार्य में कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला और विकास भारती, बिशुनपुर किसानों को मदद भी कर रही है.
Jharkhand News (जगरनाथ, गुमला) : झारखंड के गुमला जिले में सरसों तेल के उत्पादन की तैयारी चल रही है. इसके तहत जिले में 40 हेक्टेयर खेत में सरसों की खेती होगी. किसान खेती की तैयारी में जुट गये हैं. सरसों की अच्छी उपज हो. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला और विकास भारती, बिशुनपुर किसानों की मदद कर रहे हैं. इन्हें सरसों खेती की हर बारीकियों की जानकारी किसानों को दी जा रही है.
सरसों की खेती के लिए किसानों ने खेत तैयार करना भी शुरू कर दिया है. गुमला जिले के कई ऐसे गांव हैं जो जंगल व पहाड़ों के बीच है. इसके बावजूद यहां के खेत उपजाऊ है. पहाड़ों में बसे गांवों में सरसों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
एक हेक्टेयर में 22 क्विंटल सरसों का होगा पैदावार
राजस्थान के भरतपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सरसों अनुसंधान निदेशालय के द्वारा संचालित परियोजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला द्वारा दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए इस अभियान को चलाया जा रहा है. इसके तहत गमला जिला के विभिन्न प्रखंडों एवं विभिन्न गांव में 40 हेक्टेयर में सरसों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में परियोजना के तहत सिसई प्रखंड के सेमरा गांव में 30 एकड़ खेती के लिए 30 किसानों को प्रशिक्षण देकर खाद (यूरिया, डीएपी एवं पोटाश) एवं बीज (किस्म- PM 30) का वितरण किया गया.
साथ ही किसानों के खेत का मिट्टी का नमूना भी लिया गया. जिसकी जांच करके किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) भी उपलब्ध कराया जायेगा. कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, सरसों के जिस किस्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. वह 130 से 137 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसमें तेल का प्रतिशत 37.7 तथा इसका उत्पादन क्षमता 18 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है.
सरसों की खेती के लायक है गुमला जिले की मिट्टी : मृदा वैज्ञानिक
इस संबंध में गुमला के मृदा वैज्ञानिक डॉ नीरज कुमार वैश्य ने कहा कि गुमला जिले की मिट्टी सरसों की खेती के लायक है. इसलिए किसानों की रुचि के अनुसार इस वर्ष 40 हेक्टेयर खेत में सरसों की खेती की जायेगी. किसानों के बीच बीज व यूरिया का वितरण किया गया है.
Posted By : Samir Ranjan.