गुमला सदर अस्पताल में 24 की जगह केवल 7 डॉक्टर, मरीजों के इलाज में हो रही परेशानी

गुमला के सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है. जिससे मरीजों को इलाज कराने में परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल को चाहिए 24 डॉक्टर. लेकिन कई महीनों से मात्र 14 डॉक्टर कार्यरत हैं. जिसके भरोसे अस्पताल चल रहा था. परंतु कोरोना संकट में सात डॉक्टरों की अस्पताल से फिर कमी हो गयी है. छह डॉक्टरों को कोविड-19 वार्ड में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है. जबकि एक डॉक्टर छुट्टी पर हैं. इस कारण अभी मात्र सात डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों के इलाज में परेशानी हो रही है. पढ़िए, गुमला से प्रभात खबर के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट...

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2020 9:45 PM

गुमला के सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है. जिससे मरीजों को इलाज कराने में परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल को चाहिए 24 डॉक्टर. लेकिन कई महीनों से मात्र 14 डॉक्टर कार्यरत हैं. जिसके भरोसे अस्पताल चल रहा था. परंतु कोरोना संकट में सात डॉक्टरों की अस्पताल से फिर कमी हो गयी है. छह डॉक्टरों को कोविड-19 वार्ड में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है. जबकि एक डॉक्टर छुट्टी पर हैं. इस कारण अभी मात्र सात डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों के इलाज में परेशानी हो रही है. पढ़िए, गुमला से प्रभात खबर के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…

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सीएस ने की कोविड-19 वार्ड में प्रतिनियुक्ति

जानकारी के अनुसार सिविल सर्जन गुमला द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए बनाये गये आइसोलेशन वार्ड में कई डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. जिस कारण सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी हो गयी है. सीएस द्वारा अस्पताल में बने आइसीयू कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में चार चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया गया है. दूसरे आइसोलेशन वार्ड में भी दो चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जिससे अस्पताल में चिकित्सकों की कमी होने से समस्या बढ़ गयी है.

डीएस ने कहा : फिलहाल दो डॉक्टरों की जरूरत है

इस संबंध में गुमला सदर अस्पताल डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने प्रभात खबर को बताया कि सिविल सर्जन द्वारा डॉक्टरों को दूसरे स्थानों पर प्रतिनियुक्त किये जाने के बाद समस्या उत्पन्न हो गयी है. समस्या को देखते हुए डीएस द्वारा सिविल सर्जन से सदर अस्पताल के लिए चिकित्सकों की मांग की गयी है. डीएस के अनुसार कम से कम और दो चिकित्सक मिल जायेंगे, तो अस्पताल की व्यवस्था सुचारू होगी. डीएस ने कहा है कि वर्तमान में संत जोसेफ हॉस्पीटल उर्मी में भी आइसोलेशन वार्ड सरकार की ओर से बनाया गया है.

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सोमवार को कामडारा का एक पॉजिटिव मरीज मिलने पर उसे संत जोसेफ हॉस्पीटल उर्मी गुमला में सीएस के निर्देश पर रखा गया है. वहां पर दो चिकित्सक को संक्रमित मरीज की देखरेख करने के लिए प्रतिनियुक्त किया है. ऐसे में गुमला के सभी चिकित्सक कोविड-19 संक्रमित मरीज की देखरेख में लग गये हैं. इससे सवाल खड़ा हो गया है कि सदर अस्पताल में आने वाले अन्य मरीजों को कौन देखेगा. डीएस ने बताया कि सदर अस्पताल में तीन चिकित्सक कोविड-19 वार्ड के मरीजों की देखरेख कर रहे हैं.

संक्रमितों का हो रहा ऑनलाइन इलाज

गुमला सदर अस्पताल में बनाये गये कोविड-19 वार्ड में नौ संक्रमित मरीजों को रखा गया है. इन मरीजों का ऑनलाइन इलाज चल रहा है. संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर मोबाइल से वीडियो कॉलिंग कर मरीजों से बातचीत कर रहे हैं. जिस वार्ड में मरीजों को रखा गया है. वहां दवा भी है. ऑनलाइन डॉक्टरों की सलाह पर मरीज दवा खा रहे हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था हो रही है चौपट

डीएस ने सीएस से अपील की है कि वे सीएचसी व पीएचसी से चिकित्सक को बुलाकर कोविड-19 वार्ड में प्रतिनियुक्त करें. सदर अस्पताल के चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त करने से अस्पताल की व्यवस्था चौपट हो रही है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में बने आइसीयू कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत संक्रमित नौ व्यक्ति हैं. जिसमें किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं है.

उन्होंने बताया कि ऐसे संक्रमित व्यक्तियों को आइसीयू कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में नहीं रखना था. लेकिन सीएचसी कामडारा में आइसोलेशन वार्ड में शौचालय नहीं होने के कारण सिविल सर्जन के निर्देश पर संक्रमित मरीजों को आइसीयू कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. जबकि ऐसे मरीजों को सीसीसी (कोविड केयर सेंटर) में रखना है.

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