गुमला : घाघरा प्रखंड के घोर उग्रवाद प्रभावित राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय मनातू में छात्रों को जैविक खेती की पाठशाला लग रही है. 15 से 20 मिनट तक खेती-बारी कैसे करें? इसकी शिक्षा छात्रों को दी जा रही है. यह पहल, स्कूल के मास्टर जी ने की है. इसका अच्छा रिजल्ट भी आ रहा है. बच्चे स्कूल से जैविक खेती की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने माता पिता के साथ खेती-बारी में रुचि लेने लगे हैं. सबसे अच्छी बात कि स्कूल में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) बनता है. मध्याह्न भोजन के लिए स्कूल से ही ताजी सब्जियां मिल जा रही है.
शिक्षक व छात्रों ने मिल कर स्कूल में किचन गार्डेन की स्थापना की है. जहां मौसम के अनुसार सब्जी की खेती होती है. उसी सब्जी का उपयोग मध्याह्न भोजन में छात्र करते हैं. पहले मध्याह्न भोजन के लिए बाजार से सब्जी खरीदनी पड़ती थी. परंतु, अब स्कूल के किचन गार्डेन से ही ताजी सब्जी मिल जा रही है. छात्रों ने कहा कि हर दिन 15 से 20 मिनट वे लोग किचन गार्डेन में समय बिताते हैं. शिक्षक उन्हें जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण देते हैं.
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स्कूल के प्रधान शिक्षक दीपक साहू, सहायक अध्यापत सुभाष उरांव व रामचंद्र उरांव ने कहा कि किताबी ज्ञान के अलावा बच्चों को जैविक खेती की शिक्षा देने का मुख्य मकसद बच्चों को खेती-बारी में रुचि पैदा करना है. शिक्षा ग्रहण करने के बाद खेती-बारी को भी छात्र आने वाले समय में एक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं. इसके अलावा स्कूल में जो मध्याह्न भोजन बनता है. उसमें बच्चों को स्वच्छ व पौष्टिक सब्जी मिले. इसके लिए स्कूल के किचन गार्डेन में सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है. मौसम के अनुसार सब्जी लगाते हैं. जिससे साल के 12 महीना मध्याह्न भोजन में ताजी सब्जी बन सके