Jharkhand news (रांची) : झारखंड के पंचायती राज विभाग ने पंचायती राज संस्थाओं को एक बार फिर एक्सटेंशन दे दिया है. जब तक पंचायत चुनाव नहीं हो जाता है, तब तक के लिए ये संस्थाएं कार्यकारी व्यवस्था के तहत काम करेंगी. अब त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाअों के लिए कार्यकारी समिति का गठन कर दिया गया है. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना काल की वजह से राज्य में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं हुआ. ऐसे में अवधि विस्तार दिया गया है. बता दें कि गत 15 जुलाई, 2021 को कार्यकारी समिति का कार्यकाल पूरा हो गया था. इसके बाद से राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं अस्तित्व में नहीं थी. इसके पूर्व 7 जनवरी, 2021 की तिथि से अधिकतम 6 महीने के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया था. अभी दूसरी बार एक्सटेंशन दिया गया है.
मालूम हो कि झारखंड गठन के बाद राज्य में पहली बार वर्ष 2010 में पंचायत चुनाव हुआ था. उसके बाद वर्ष 2015 में दूसरी बार पंचायत चुनाव संपन्न हुआ था. तीसरा पंचायत चुनाव वर्ष 2020 में होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कार्यकाल पूरा होने पर एक्सटेंशन देना पड़ा.
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अधिसूचना के मुताबिक, अपने स्तर से कार्यकारी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे, जो अधिनियम के अधीन मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष एवं जिला परिषद उपाध्यक्ष तथा जिला परिषद सदस्यों को मिला हुआ है. वहीं सरकारी सेवक पंचायत सचिव, प्रखंड विकास पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पूर्व की तरह अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करेंगे.
ग्राम पंचायत कार्यकारी समिति
सामान्य क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विघटन के समय जो मुखिया थे, उन्हें समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. उप मुखिया उपाध्यक्ष होंगे. सभी निर्वाचित वार्ड सदस्यों, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, अंचल निरीक्षक, प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा नामित ग्राम पंचायत क्षेत्रका निवासी और राज्य, केंद्र, सेना, रेल, सार्वजनिक उपक्रम से सेवानिवृत कोई एक व्यक्ति को सदस्य बनाया गया है. वहीं, अनुसूचित क्षेत्रों में मुखिया समिति के अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान होंगे. सदस्य भी सामान्य क्षेत्र की तरह होंगे. केवल ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी पारंपरिक प्रधान चाहे उन्हें जिस नाम से जान होता हो, वे भी सदस्य होंगे.
पंचायत समिति के विघटन की तिथि को जो प्रमुख कार्यरत थे, उन्हें समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. वहीं उप प्रमुख को उपाध्यक्ष बनाया है. जो लोग सदस्य चुने गये थे, उन्हें समिति का भी सदस्य बनाया है. इसके अलावा जिला पंचायती राज पदाधिकारी, उक्त प्रखंड क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी को भी सदस्य बनाया गया है.
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जिला परिषद विघटन की तिथि के समय जो जिला परिषद अध्यक्ष थे, उन्हें कार्यकारी समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. जो जिला परिषद सदस्य थे, उन्हें समिति का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक और परियोजना निदेशक ITDA या उनके नहीं रहने पर जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य बनाये गये हैं.
Posted By : Samir Ranjan.