गुमला.
सरना समिति गुमला व आदिवासी संगठन गुमला के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को सर्किट हाउस गुमला में सोमवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों की सामाजिक विचार गोष्ठी कार्यक्रम हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री देव कुमार धान व विशिष्ट अतिथि के रूप में सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, महासचिव संजय तिर्की, सरना समिति गुमला के अध्यक्ष हंदू भगत व सरना समिति लोहरदगा जिलाध्यक्ष चैतू उरांव उपस्थित थे. कार्यक्रम में सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट समेत आदिवासी मामलों पर विचार-विमर्श किया गया. मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने आदिवासी जमीन बचाओ अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि चार अक्तूबर को आदिवासी जमीन बचाओ अभियान की शुरुआत की जा रही है. श्री धान ने अभियान को सफल बनाने व आदिवासी मामलों की समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न जनजाति संगठनों एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी की जमीन, जंगल, भाषा-लिपि व आरक्षण पर लगातार कुठाराघात हो रहा है. इसकी सुरक्षा आदिवासी संगठनों को आगे आकर करने की जरूरत है. क्योंकि आदिवासियों के आरक्षण का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं. समाज को इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने सरना समिति गुमला व आदिवासी संगठन गुमला द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि विचार गोष्ठी के माध्यम से लोगों के विचार सामने आ रहे हैं. उन्होंने सभी आदिवासी संगठनों से गोलबंद होकर आदिवासी हित में कार्य करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि हम गोलबंद होकर कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से सभी लोगों को लाभ मिलेगा. सरना समिति गुमला के अध्यक्ष हंदू भगत ने कहा कि आदिवासी संगठन अपने आरक्षण को लेकर मुखर होकर सामने आये, ताकि आदिवासी अस्तित्व जो खतरे में है, उसे बचाया जा सके. उन्होंने चार अक्तूबर से शुरू हो रहे आदिवासी जमीन बचाओ अभियान कार्यक्रम में जन मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन में उपस्थित होने की अपील की. अध्यक्षता शिवम लोहरा ने की. मौके पर मुखिया चुइया भगत, छोटेलाल उरांव, बलकू उरांव, राजू उरांव, देवेंद्र लाल उरांव, सीता उरांव, देवमणि किंडो, कलावती खड़िया, गंगा मुंडा, देवमनिया उरांव आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है