लाखों की दवा खाकर भी बीमार पड़ रहे लोग, साग-सब्जी खाकर ही कोरोना को मात दे रहे ग्रामीण
Coronavirus in Jharkhand, Gumla news : गुमला में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) से बचने के लिए शहर एवं गांव के लोगों ने अलग-अलग तरकीब अपनाये हैं. गुमला में शुरुआती क्षणों में कोरोना शून्य था, लेकिन मई माह के बाद अचानक तेजी से कोरोना का प्रसार हुआ. इसके बाद 1800 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो गये. शहर के लोग इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए दवा खाने लगे. गुमला शहर के लोग अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए करीब 20 लाख रुपये की दवा और मल्टी विटामिन खा गये, जबकि दूसरी ओर गांव- देहात के लोग अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए देहाती जुगाड़ साग- सब्जी खाते रहे. जिसका असर है. गुमला के गांवों तक कोरोना मामूली तरीके से पहुंचा. वैसे ही गांव में कोरोना के मरीज मिले, जो दूसरे राज्यों से लौटे थे. 952 में से करीब 600 गांव कोरोना से मुक्त रहा.
Coronavirus in Jharkhand, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान/जॉली) : गुमला में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) से बचने के लिए शहर एवं गांव के लोगों ने अलग-अलग तरकीब अपनाये हैं. गुमला में शुरुआती क्षणों में कोरोना शून्य था, लेकिन मई माह के बाद अचानक तेजी से कोरोना का प्रसार हुआ. इसके बाद 1800 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो गये. शहर के लोग इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए दवा खाने लगे. गुमला शहर के लोग अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए करीब 20 लाख रुपये की दवा और मल्टी विटामिन खा गये, जबकि दूसरी ओर गांव- देहात के लोग अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए देहाती जुगाड़ साग- सब्जी खाते रहे. जिसका असर है. गुमला के गांवों तक कोरोना मामूली तरीके से पहुंचा. वैसे ही गांव में कोरोना के मरीज मिले, जो दूसरे राज्यों से लौटे थे. 952 में से करीब 600 गांव कोरोना से मुक्त रहा.
लाखों की मल्टी विटामिन खा गये शहरवासी
प्रभात खबर ने गुमला जिले में कितने रुपये की इम्यूनिटी बढ़ाने की दवा खायी गयी है इसकी पड़ताल की. थोक विक्रेता से मिली जानकारी के अनुसार, विटामिन सी के इम्यूसी प्लस, जेडयू सी 500, सिम्युन, लिम सी, सेलिन टैबलेट की बिक्री हुई है. वहीं, जिंक में जिकोनिया, स्काजिन, जिंकअप, जिनकोनिया-50 नामक दवा की बिक्री हुई है. वहीं मल्टी विटामिन में एटू जेड, जिनकोविट, बीकोसूल, सुप्राडिन, बीकोजाइम सी फोर्ट टैबलेट की बिक्री हुई है. जिसमें सबसे अधिक विटामिन सी की बिक्री हुई है. 6 माह में 5 लाख रुपये की विटामिन सी को लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपयोग किया है. वहीं, जिंक की बिक्री बहुत ही कम हुई है जो 6 माह में सिर्फ 10 हजार रुपये की है. मल्टी विटामिन की बिक्री भी 6 माह में अधिक होने की जानकारी मिली. जो कि लगभग 3 लाख रुपये की है. सभी दवा मिलाकर 20 लाख की बिक्री हुई है.
बिना पुर्जा के मिलती है दवा : अध्यक्ष
जिला केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि मल्टी विटामिन, जिंक एवं विटामिन सी की बिक्री में कोई प्रतिबंध नहीं है. पुराने समय से लोग इसका सेवन करते आ रहे हैं. कोरोना काल में इसकी बिक्री में तेजी आयी है. लोगों ने इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया है. इससे किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है. बिना चिकित्सक के पुर्जा के भी यह दिया जा सकता है.
Also Read: कोरोना के डर से लाखों की मल्टी विटामिन खा गये चाईबासा और चक्रधरपुर के लोग
सेहत के लिए फायदेमंद है : डॉ बीके महतो
सदर अस्पताल, गुमला के चिकित्सक डॉ बालकृष्ण महतो ने कहा कि विटामिन- सी से इम्युनिटी सिस्टम बढ़ता है. विटामिन- सी शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर कर इम्यूनिटी को बढ़ाता है. जिंक से माइक्रो मॉलिकुलर लेबल करता है. ब्लड सेल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. हालांकि, अत्यधिक मात्रा में कोई व्यक्ति इसका सेवन करता है, तो उसे पेट से संबंधित बीमारी होगी. जैसे उसे पेट में गैस होना, शौच नहीं होना, लूज मोशन होना आदि है. यह दवा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को हम दे रहे हैं, ताकि वे कोरोना से विजय पा लें.
गांव के लोग इस कारण सुरक्षित हैं
गुमला सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आनंद किशोर उरांव एवं डॉ मनोज सुरीन ने कहा कि शहर के लोग विटामिन- सी, जिंक युक्त मल्टी विटामिन की दवा लेते हैं. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र के लोग हर मौसम में खेती- बारी करते हैं. जिसके कारण गर्मी, बरसात एवं ठंड के मौसम में काम करने से उनका शरीर मजबूत होता है. साथ ही इम्युनिटी भी बढ़ती है. वहीं गांव के लोग अपने घर में साग- सब्जियों का अधिक प्रयोग करते हैं, जो हाइजेनिक होती है. उक्त सब्जी में किसी प्रकार के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते हैं. उसको खाने से भी उनके शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती है. वहीं, किसी प्रकार का खट्टा फल खाने से भी विटामिन- सी उनके शरीर को प्राप्त होता है.
चकोड़ साग एवं कंद- मूल खूब खाते हैं
दीरगांव पंचायत के संजय कुमार भगत ने कहा कि गांव में कोरोना के मरीज अभी तक नहीं मिले हैं. इसका मुख्य कारण गांव के लोग कोरोना संक्रमण से बचने के अपने घरेलू उपाय एवं जंगली उपाय अपनाये हैं. साग, सब्जी, चकोड़ साग खाकर लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ा रखे. मड़ुवा रोटी, मकई रोटी, देहाती इडली, छिलका रोटी के अलावा जंगली कंद मूल भी खाते हैं, जिससे सेहत बनी रहती है. कड़ी मेहनत भी गांव के लोग करते हैं. गांव में जो हड़िया बनता है. उसे जंगली जड़ी- बूटी से बनाया जाता है.
Posted By : Samir Ranjan.