गुमला में लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़, शहर में बनी पानी टंकी की नहीं हो रही सफाई
परंतु, गुमला में पानी टंकी की सफाई के नाम पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. बिना टंकी साफ किये या इल्म डाले पैसे की निकासी कर ली गयी है.
गुमला शहर में सप्लाई पानी में सुधार नहीं हुआ है. शहर में बनी पानी टंकी की सफाई नहीं की जा रही है, जिससे शहर के कुछ इलाकों में दूषित व कीड़ा युक्त पानी लोगों को मिल रहा है. गुमला का भक्त व्हाटसएप ग्रुप में एक व्यक्ति ने दूषित पानी का फोटो डाल पेयजल विभाग से शुद्ध पानी सप्लाई करने की मांग की है. बता दें कि शहर में आधा दर्जन पानी टंकी हैं, जिसकी सफाई समय पर करनी है. इसके लिए सरकार की तरफ से लाखों रुपये पेयजल विभाग गुमला को फंड उपलब्ध कराया जाता है.
इसमें इल्म से लेकर ब्लीचिंग पाउडर डालना रहता है, ताकि लोगों तक पानी शुद्ध पहुंचे और किसी का सेहत नहीं बिगड़े. परंतु, गुमला में पानी टंकी की सफाई के नाम पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. बिना टंकी साफ किये या इल्म डाले पैसे की निकासी कर ली गयी है. इसमें पेयजल विभाग के कुछ लोगों की भूमिका संदेह में है. इसमें संवेदक को लाभ पहुंचाने व कमीशन खाने का खेल चल रहा है. इधर, अभी भी गुमला शहर के कई मुहल्ले में विभाग द्वारा पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है, जिससे लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है.
इसकी जानकारी गुमला के हाकिम को होने के बाद भी हाकिम व्यवस्था सुधारने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इससे आम जनता परेशान है. सबसे बड़ी बात यह है कि एक साल से पानी सप्लाई नहीं हो रही है. लेकिन नगर परिषद द्वारा वाटर टैक्स वसूली के लिए मोबाइल में लगातार मैसेज भेजा जा रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं. झारखंड नवनिर्माण दल के संयोजक विजय सिंह ने कहा है कि गुमला शहर में पानी सप्लाई के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है.
प्रशासन इसकी निष्पक्ष जांच करें. जांच नहीं हुई, तो मजबूरी में आंदोलन के लिए बाध्य होना होगा. झारखंड नवनिर्माण दल मजदूर यूनियन के जिला प्रभारी प्रकाश उरांव ने कहा है कि 28 सितंबर 2023 को जिला मुख्यालय में कार्यकर्ता सम्मेलन है, जिसमें गुमला शहरी क्षेत्र में हुए पानी घोटाला के मुद्दे को उठाया जायेगा. साथ ही जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा.
इधर, चेंबर ऑफ कामर्स गुमला के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने कहा है कि पानी घोटाला को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. अगर इसकी जांच हो, तो पेयजल विभाग के अधिकारी, लिपिक से लेकर संवेदक तक पर कार्रवाई तय है. क्योंकि लंबे समय से गुमला में पानी घोटाला चल रहा है. परंतु, ईमानदारी से इसकी जांच नहीं हो रही है.
शहर में पानी की समस्या आम बात नहीं है. इसमें कभी सुधार की पहल हुई ही नहीं. पीएचइडी के सिविल विभाग के कारनामे के कारण शहर की 51 हजार आबादी परेशान है. कई मुहल्लों में अब भी पानी सप्लाई बंद है. आखिर विभाग कर क्या कर रहा है, यह जांच का विषय है. दूसरी तरफ विभाग के अधिकारी चेक काटने में व्यस्त है.
संयुक्ता देवी (जिला उपाध्यक्ष, जिप गुमला)
शहर में हुए पानी घोटाला, कार्यालय के कर्मचारी व संवेदक के रिश्ते की जांच हो. किस प्रकार यहां बिल वाउचर बना कर राशि की निकासी की गयी है, इसकी भी जांच हो. गुमला शहर का अधिकांश इलाका ड्राई जोन है. ऐसे में लोग पानी सप्लाई पर आश्रित हैं. परंतु, बिना पानी सप्लाई के यहां लाखों रुपये की निकासी हो रही है.
कलीम अख्तर (निवर्तमान उपाध्यक्ष, नगर परिषद)