सरना समाज के लोग इंडिया गठबंधन के साथ : धर्मगुरु

राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा समेत विभिन्न सरना, पड़हा संगठन की बैठक

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 8:48 PM

भरनो. भरनो प्रखंड के मलगो मोड़ स्थित लाखो बगीचा में लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुखिया रतिया उरांव की अध्यक्षता में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा समेत विभिन्न सरना, पड़हा संगठन की बैठक हुई. मुख्य अतिथि सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा समेत समाज के कई अगुवा शामिल हुए. समाज के लोगों ने पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सरना धर्मगुरू बंधन तिग्गा ने कहा कि बीते 10 वर्षों से बीजेपी सरकार आदिवासियों का शोषण, दमन, उत्पीड़न, जुल्म व अत्याचार किया है. एनडीए सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम व भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर किया है. वन अधिकार अधिनियम में बदलाव लाये, जिससे देश के आदिवासी प्रभावित हुए. मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय घटना हुई. लद्दाख में पर्यावरण से छेड़छाड़ का प्रयास, आदिवासी को वनवासी बोलना, आदिवासियों के धार्मिक पहचान वाली मांग सरना धर्म कोड को खारिज किया. आदिवासी को हिंदू घोषित करना, सरना को सनातन से जोड़ना, राम मंदिर निर्माण को लेकर सरनास्थल की मिट्टी का दुरुपयोग किया गया. देश में नफरत फैलाना, बीजेपी व आरएसएस द्वारा आरक्षण समाप्त करने का विचार, संविधान बदलने की बात करना, मनुस्मृति संविधान लागू करने की मंशा रखना जैसे विरुद्ध कार्य कर रही है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत 15 साल तक सांसद रहे. समीर उरांव छह साल तक राज्यसभा सांसद रहे. इनलोगों ने आदिवासी समाज के लिए कुछ नहीं किया. इस दौरान राहुल गांधी के बयान की समीक्षा की गयी. उन्होंने आदिवासियों को भारत का मूल मालिक बताया व सरना धर्म कोड देने की बात कही. संविधान को बचाने, लोकतंत्र की रक्षा करने, आरक्षण को बचाने, आदिवासियों के संरक्षण हो, ऐसे विचारों को ध्यान में रखते हुए लोहरदगा लोकसभा के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुखदेव भगत (हाथ छाप) को समर्थन करने की घोषणा सर्वसम्मति से की गयी. समाज के सभी लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के पक्ष में मतदान करने का संकल्प लिया. मौके पर एलएम उरांव, सीताराम उरांव, लधुवा उरांव, रतिया उरांव, एतवा उरांव, सुकेश उरांव, सुखदेव उरांव, जुगल उरांव, बिरसा उरांव, गंगा उरांव, जोगी उरांव, नगवा उरांव, बिपता पाहन, ललित पाहन, गोबरा उरांव, सुरजमुनी उरांव, मनसा उरांव, कृष्णा उरांव, सरिता उरांव, गंगा उरांव, चरका उरांव आदि मौजूद थे.

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