गुमला, दुर्जय पासवान : वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल नागवंशी राजा दुर्जनशाल की राजधानी नवरत्नगढ़ का जिक्र मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर ने देश के 12 लोकेशन का चयन किया है. जिसमें गुमला जिला के सिसई प्रखंड स्थित नवरत्नगढ़ भी शामिल है. 30 अप्रैल को मन की बात का 100वां एपिसोड है. मन की बात से पहले देश के सभी 12 ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर 29 अप्रैल को रंगारंग कार्यक्रम होगा. साथ ही सभी ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का वीडियो रिकॉर्डिंग कर पीएमओ को भेजा जायेगा. ताकि 30 अप्रैल को होने वाली मन की बात में प्रधानमंत्री इन ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की विशेषताओं पर जिक्र कर सके. गुमला के नवरत्नगढ़ में होने वाले कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गयी है. दिल्ली से मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की टीम नवरत्नगढ़ पहुंच गयी है. साथ ही 29 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है. इस दिन आम पब्लिक के लिए नवरत्नगढ़ का दरवाजा खुला रहेगा, ताकि लोग यहां आकर नवरत्नगढ़ की सुंदरता को देख सकेंगे और मन की बात के 100वें एपिसोड की गवाह भी बनेंगे.
पीएम मोदी 30 अप्रैल को नवरत्नगढ़ की करेंगे चर्चा
पुरातत्व विभाग, रांची के अजहर सबीर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अप्रैल को मन की बात में नवरत्नगढ़ की भी चर्चा करेंगे. इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार अधीनस्थ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के केंद्रीय संरक्षित स्मारक राजमहल एवं मंदिर परिसर नवरतनगढ़ सिसई में मन की बात कार्यक्रम को संचालित व प्रसारित करने वाली तकनीकी टीम 29 अप्रैल की संध्या 6.00 बजे से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है. जिसमें ऐतिहासिक विरासत से संबधित जानकारी प्रदान की जायेगी जो छात्र व छात्राओं के लिए काफी आकर्षक व लाभदायक होगा.
प्रोग्राम को रिकॉर्ड कर पीएमओ भेजा जायेगा
29 अप्रैल, 2023 को नवरत्नगढ़ में कार्यक्रम होगा. इस प्रोग्राम को वीडियो रिकॉर्डिंग किया जायेगा. इसके बाद रिकॉर्डिंग को पीएमओ भेजा जायेगा. ताकि 30 अप्रैल को दिल्ली में देश के सभी 12 प्रमुख स्थलों के साथ नवरत्नगढ़ का भी वीडियो प्रसारित किया जायेगा.
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नवरत्नगढ़ के निर्माण की कहानी
नवरत्नगढ़ जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं. यह विश्व धरोहर है. रांची और गुमला मार्ग पर स्थित सिसई प्रखंड के नगर गांव में हैं. यहां मुगल साम्राज्य व नागवंशी राजाओं का इतिहास छिपा है. यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर है. इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य से बचने के लिए राजा दुर्जनशाल ने इसे बनवाया था. नवरत्न गढ़ के चारों तरफ खाई था और यहां घुसने का एक मात्रा पहाड़ी रास्ता हुआ करता था. इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से राजा दुर्जनशाल ने नवरत्नगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था.
खुदाई से मिले हैं खुफिया भवन
पुरातत्व विभाग ने एक साल पहले नवरत्नगढ़ की खुदाई की है. यहां जमीन के अंदर कई खुफिया भवन व महल मिला है. जिसे देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. वहीं जो पुराने भवन खंडहर हो गये थे. उसे पुरानी तकनीक से ही हल्की मरम्मत की जा रही है. ताकि भवनों को गिरने से बचाया जा सके.