Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के नए विधानसभा भवन में अल्पसंख्यकों के लिए नमाज अदा करने को लेकर नमाज कक्ष आवंटित किया गया है. झारखंड विधानसभा की ओर से इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद से झारखंड की राजनीति गरमा गयी है. भाजपा नेताओं ने इस मामले में कहा कि ये गलत परंपरा की शुरुआत है. लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है. वहीं तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए आदेश वापस लेने का आग्रह किया गया है. इस दौरान अलग-अलग धर्मों के लिए कक्ष आवंटित करने की भी मांग की गयी है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में ट्वीट कर कहा है कि विधानसभा लोकतंत्र का वह मंदिर है, जिसे किसी धर्म या पंथ की परिधि में समेट कर नहीं रखा जाना चाहिए. किसी वर्ग विशेष के लिए नमाज कक्ष का आवंटन गलत परंपरा की शुरुआत है. इसके साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के भी विपरीत है. विधानसभा अध्यक्ष को ये आदेश वापस लेना चाहिए. उन्होंने इस बाबत स्पीकर से ट्वीट कर मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर भाजपा सड़क से सदन तक आंदोलन करने पर मजबूर होगी.
विधानसभा लोकतंत्र का वह मंदिर है, जिसे किसी धर्म या पंथ की परिधि में समेट कर नहीं रखा जा सकता।
लेकिन झारखंड विधानसभा में किसी वर्ग विशेष के लिए नमाज कक्ष का आवंटन किया जाना न केवल एक गलत परंपरा की शुरुआत है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के भी विपरीत है। pic.twitter.com/Tefpo2Ad7B— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 4, 2021
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अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नमाज कक्ष आवंटन पर रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने भी ट्वीट कर कहा है कि झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष का आवंटन तुष्टिकरण की राजनीति है. झारखंड सरकार किस हद तक तुष्टिकरण की राजनीति करेगी. झारखंड में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. रोजगार के लिए युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और विकास के काम ठप पड़े हैं. इधर, सरकार नमाज कक्ष बनाने में जुटी है.
झारखण्ड विधानसभा में नमाज कक्ष!!
तुष्टिकरण की राजनीति में किस हद तक जाएगी यह झारखण्ड सरकार? राज्य बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। रोजगार के लिए युवा दर-दर की ठोकर खा रहे। विकास के काम ठप्प पड़े हैं और यह सरकार नमाज कक्ष बनाने में व्यस्त है!! pic.twitter.com/o0drHNirZg— Sanjay Seth (@SethSanjayMP) September 3, 2021
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भाजपा विधायक विरंची नारायण ने ट्वीट कर कहा है कि जब विधानसभा में मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ सकते हैं तो हिंदू समाज के लोग हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते. उन्होंने विधानसभा में अन्य धर्म के लोगों के लिए भी उपासना कक्ष की मांग की है. श्री नारायण ने ट्वीट कर कहा है कि विभिन्न धर्मावलंबियों के लोग यहां कार्यरत हैं. ऐसे में सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए. सबके लिए अलग-अलग कमरे का आवंटन किया जाए.
जब विधानसभा में मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ सकते हैं तो हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते हिंदू समाज के लोग… pic.twitter.com/qLcy2i0PUg
— Biranchi Narayan (@biranchi36) September 4, 2021
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Posted By : Guru Swarup Mishra