बाइपास सड़क में घटिया काम ध्वस्त पुल पांच दिन में बनाया

गुमला शहर की लाइफ लाइन बाइपास सड़क का काम घटिया हो रहा है. पेटी कांट्रैक्ट में ठेकेदार जैसे-तैसे काम करा रहे हैं. नतीजा सड़क बनने के साथ उखड़ने लगी है. वहीं पुल का काम कमजोर होने के कारण पुल ध्वस्त हो रहा है. एरोड्राम से होकर अरमई गांव जाने वाले मार्ग पर पुल बना था, परंतु यह पुल बरसात में ध्वस्त हो गया था. इसके बाद ठेकेदार ने पांच दिन में जैसे-तैसे इस पुल का निर्माण किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2020 2:44 AM

गुमला : गुमला शहर की लाइफ लाइन बाइपास सड़क का काम घटिया हो रहा है. पेटी कांट्रैक्ट में ठेकेदार जैसे-तैसे काम करा रहे हैं. नतीजा सड़क बनने के साथ उखड़ने लगी है. वहीं पुल का काम कमजोर होने के कारण पुल ध्वस्त हो रहा है. एरोड्राम से होकर अरमई गांव जाने वाले मार्ग पर पुल बना था, परंतु यह पुल बरसात में ध्वस्त हो गया था. इसके बाद ठेकेदार ने पांच दिन में जैसे-तैसे इस पुल का निर्माण किया है.

पुल को जिस प्रकार बनाया गया है, कभी भी यह ध्वस्त हो सकता है. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने की थी, परंतु डुमरडीह गांव के एक दबंग संवेदक के डर के कारण ग्रामीणों ने मुंह बंद कर लिया. हालांकि इसकी जानकारी एनएच विभाग को दी गयी थी, परंतु विभाग भी काम में सुधार कराने व जांच करने की जगह चुपचाप रहा. नतीजा बाइपास सड़क का काम घटिया किया जा रहा है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. यहां तक कि जिस जगह पुल बना है, वहां पास डायवर्सन भी कमजोर है. इस कारण डर से इस रूट से बड़े वाहनों का परिचालन ठप कर दिया गया है.

कभी-कभी ईंट व बालू ढोने वाले ट्रैक्टर व छोटी गाड़ी ही इस रूट से आना जाना करते हैं. यहां बता दें कि बाइपास का काम लंबे समय से धीमी गति से हो रहा है, जिसका खमियाजा गुमला शहर की जनता को उठानी पड़ रही है. सांसद सुदर्शन भगत, गुमला विधायक भूषण तिर्की, चेंबर ऑफ काॅमर्स के अलावा कांग्रेस नेता सहित कई लोग इस सड़क को जल्द बनवाने की मांग लगातार करते रहे हैं, परंतु पेटी कांट्रैक्ट में स्थानीय ठेकेदारों को काम देने से काम की गति नहीं बढ़ रही है. सड़क व पुल का काम भी घटिया किया जा रहा है. साथ ही 30 वर्ष पूर्व बने डायवर्सन को ही नया बनाने का दावा करते हुए पैसा निकासी की भी तैयारी चल रही है.

प्रशासन सड़क व पुल की जांच करे : विधायक

गुमला : विधायक भूषण तिर्की ने कहा है कि बाइपास सड़क निर्माण की गुमला प्रशासन जांच करे. आखिर काम की गति धीमी क्यों है. साथ ही सड़क बनने के साथ टूटने लगी है. इसके अलावा कुछ दिन पहले पुल ध्वस्त हो गया था] जिसे आनन-फानन में बनाया गया है. इससे पुल की गुणवत्ता ठीक नहीं है. अगर कमजोर बने पुल में बड़े वाहनों का आवागमन होगा, तो यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है, इसलिए काम की गुणवत्ता की भी जांच होनी चाहिए.

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