प्रभात खबर इंपैक्ट : गुमला शहरी जलापूर्ति योजना में गड़बड़ी पर डीसी ने लिया संज्ञान, एसडीओ करेंगे जांच
प्रभात खबर में छपी खबर पर गुमला डीसी ने संज्ञान लिया. शहरी जलापूर्ति योजना में गड़बड़ी की जांच एसडीओ करेंगे. डीसी ने उन्हें हर एक बिंदु पर जांच करने को कहा है. उपभोक्ता शुद्ध पानी के लिए 130 रुपये देते हैं. उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त पानी मिले.
गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला शहरी जलापूर्ति योजना में हो रहे घपले-घोटाले की जांच होगी. प्रभात खबर में छपी खबर पर डीसी कर्ण सत्यार्थी ने संज्ञान लिया है. डीसी ने गुमला सदर अनुमंडल के एसडीओ रवि जैन को जांच करने का निर्देश दिया है. एसडीओ के साथ अन्य दो अधिकारियों को जांच टीम में शामिल किया गया है. डीसी ने एसडीओ को निर्देश देते हुए एक सप्ताह के अंदर गुमला शहरी जलापूर्ति योजना की पूरी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है. जिससे जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके.
एसडीओ हर एक बिंदु पर करेंगे जांच
डीसी श्री सत्यार्थी ने कहा है कि उपभोक्ता शुद्ध पानी के लिए 130 रुपये देते हैं. उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त पानी मिले. इसकी जिम्मेवारी पेयजल विभाग गुमला को है. अगर नियमित व शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है, तो यह लापरवाही है. डीसी ने कहा है कि एसडीओ को गुमला शहरी जलापूर्ति योजना की हर एक बिंदु पर जांच करने के लिए कहा गया है.
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गुमला शहर में पानी सप्लाई में घोटाला
बता दें कि प्रभात खबर ने जनशिकायतों को ध्यान में रखते हुए शहरी जलापूर्ति योजना की पड़ताल की. पड़ताल में पता चला कि गुमला शहर में पानी सप्लाई में घोटाला हो रहा है. सरकारी राशि की बंदरबांट की जा रही है. पेयजल विभाग के सिविल विंग के जिम्मे पानी सप्लाई की जिम्मेवारी है. लेकिन, जितना पानी शहर को सप्लाई करना है. उतना पानी सिविल पेयजल विभाग वितरण नहीं कर पा रहा है. यहां तक कि पानी आपूर्ति के लिए ठेकेदार बहाल किया गया है.
पानी सप्लाई बंद
यह ठेकेदार पेयजल विभाग के सरकारी मुलाजिम का भाई है जो लंबे समय से शहरी जलापूर्ति योजना का संचालन कर रहा है. जिसका नतीजा है गुमला शहरी के अधिकांश हिस्सों में पानी सप्लाई नहीं हो रहा है. साथ ही जिन मुहल्लों में एक साल पहले तक पानी सप्लाई होता था. वहां भी पानी सप्लाई बंद कर दिया गया है. शहरी क्षेत्र में स्थित जलमीनार सफाई से लेकर इलम, ब्लीचिंग पाउडर छिड़कने व पानी शुद्ध करने तक में घोटाला हो रहा है.
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समस्या का समाधान नहीं होने से पेयजल विभाग में होगा तालाबंदी
इधर, जलापूर्ति योजना में गड़गड़ी के बावजूद व शिकायत करने के बाद भी सुधार की दिशा में विभाग द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है. दूसरी ओर, गुमला शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति नहीं होने से अब लोग आक्रोशित हो रहे हैं. लोग मुहल्ले में बैठक कर विभाग का घेराव करने की रणनीति तय कर रहे हैं. अगर शहरी जलापूर्ति योजना में हो रहे घपले घोटाले व गड़बड़ियों पर रोक नहीं लगी, तो पेयजल विभाग में लोग तालाबंदी करने का भी मूड बना रहे हैं.
पेयजल विभाग के इंजीनियर्स की भूमिका पर हो जांच : विधायक
इस संबंध में विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि गुमला शहरी जलापूर्ति योजना में हो रही गड़बड़ी की डीसी जांच कराये. जांच टीम में पेयजल विभाग के अधिकारियों को शामिल न कर एसडीओ के नेतृत्व में बेहतर टीम बनाये, ताकि पेयजल विभाग के कार्यो की जांच में जो गड़बड़ी सामने आती है. उसपर कार्रवाई हो. पेयजल विभाग सिविल के इंजीनियरों की भूमिका की भी जांच हो.
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