Gumla News: गुमला सदर अस्पताल में जच्चा-बच्चा मौत मामले की जांच की जाएगी. इसके लिए टीम गठित कर दी गयी है. डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम इस मामले की जांच करेगी. सदर अस्पताल गुमला के डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने पूरे मामले की जांच के लिए चार चिकित्सीय टीम का गठन किया है. इस जांच टीम में डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव, डॉक्टर सुनील किस्कू, डॉक्टर शफीक अहमद व डॉक्टर पूनम है.
जानकारी देते हुए डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने प्रभात खबर को बताया कि उन्होंने उक्त गर्भवती महिला का बीएसटी की जांच की. जांच में पाया कि जब वह गर्भवती भरती हुई थी. उस समय उसकी स्थिति ठीक थी. अचानक उसका ब्लड प्रेशर बढ़ गया. उसे इक्लोमसिया हो गया. जिसका उपचार करने पर उसे नॉर्मल कर लिया गया था. इधर नॉर्मल होने पर उसके ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी. इसी बीच फिर से उसका ब्लड प्रेशर पुन: काफी बढ़ गया. उन्होंने आशंका प्रकट किया कि उसकी हार्ट अटैक होने से मौत हुई होगी.
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वहीं परिजनों से दुर्व्यवहार के संबंध में कहा कि टीम अपने स्तर से जांच कर रही है. सदर अस्पताल सरकारी अस्पताल है. यहां किसी भी मरीज या मरीज के परिजन से कोई भी कर्मी दुर्व्यवहार करेगा. तो अस्पताल द्वारा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने वाले कर्मियों पर भी उन्होने कड़ी कार्रवाई करने की बातें कही.
गुमला सदर अस्पताल में सोमवार को मुरकुंडा पतराटोली गांव के ढुनू खड़िया की 30 वर्षीय पत्नी सुशीला खड़ियाइन व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों के अनुसार गर्भवती सुशीला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद भी सही से इलाज नहीं हुआ. जिस कारण जच्चा बच्चा की मौत हो गयी. जब परिजनों ने मौत का कारण पूछा, तो अस्पताल के कर्मियों ने परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया है.