Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : दिल्ली में मानव तस्करों (Human trafficking) द्वारा बेची गयी गुमला की आदिवासी बच्ची को गुरुवार की देर शाम को एक घर से रेस्क्यू कर लिया गया है. बचपन बचाओ आंदोलन (Bachpan Bachao Andolan), नेशनल वूमैन्स कमीशन दिल्ली (National Women’s Commission, Delhi) एवं दिल्ली पुलिस की टीम (Delhi Police Team) ने मिलकर बच्ची को घर से मुक्त कराया.
जिस समय बच्ची को मुक्त कराया गया. वह बहुत सहमी हुई थी. दिल्ली थाने में पुलिस ने बच्ची से कुछ बिंदुओं पर पूछताछ की. बच्ची सहमी हुई थी. इसलिए बचपन बचाओ आंदोलन ने बच्ची को अपने संरक्षण में ले लिया है. बच्ची का दिल्ली अस्पताल में मेडिकल कराया गया है. रेस्क्यू होने के बाद अब बच्ची को गुमला भेजने की तैयारी की जा रही है.
रांची की समाजसेवी ज्योति शर्मा ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन एवं नेशनल वूमैन्स कमीशन दिल्ली की सदस्य रीतिका गुप्ता ने दिल्ली पुलिस से मदद लेकर बच्ची को एक घर से रेस्क्यू कर लिया है. बच्ची सुरक्षित है. उसे सुरक्षित तरीके से रखा गया है. श्री शर्मा ने कहा कि प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद इस मामले को नेशनल वूमैन्स कमीशन दिल्ली की चेयरमैन स्वाती मालीवाल (Chairman Swati Maliwal) एवं दिल्ली के अन्य संगठन के सदस्यों को दी गयी. इसके बाद देर शाम को बच्ची को रेस्क्यू कर लिया गया है.
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गुमला जिले के पालकोट प्रखंड स्थित नागोटोली गांव की 13 वर्षीय आदिवासी बच्ची को 2 साल पहले मानव तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था. दिल्ली में बेचे जाने के बाद बच्ची जहां काम कर रही थी. वहां उसे प्रताड़ित किया गया. कुत्ता काटने पर भी इलाज नहीं कराया गया. बच्ची ने दर्दभरी पीड़ा अपनी मां को बतायी. बच्ची की मां ने इसकी जानकारी प्रभात खबर को दी.
प्रभात खबर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 22 अक्तूबर, 2020 के अंक में समाचार प्रकाशित किया. जिसका असर है कि 22 अक्तूबर, 2020 की शाम तक बच्ची को मुक्त करा लिया गया. इधर, बच्ची के दादा ने गुमला के अहतू थाने में 2 मानव तस्कर रायडीह निवासी रंजीत लोहरा उर्फ अजीत एवं नागोटोली सनईडीह निवासी संतोषी लोहरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
Posted By : Samir Ranjan.