Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला के दुंदुरिया में मानसिक रोगी डस्टबिन में रहता है. यह समाचार रविवार (19 जुलाई, 2020) को प्रभात खबर में छपने के बाद झारखंड स्टेट लिगल सर्विस ऑथोरिटी (झालसा), गुमला प्रशासन और नगर परिषद ने स्वत: संज्ञान लिया. मानसिक रोगी युवक को प्रशासन ने अपनी सुरक्षा में लेते हुए उसे गुमला के मानसिक रोगी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डालसा ने विक्षिप्त युवक को खाने- पीने की व्यवस्था की. पहनने के लिए कपड़ा भी दिया. एंबुलेंस से युवक को गुमला अस्पताल लाया गया और भर्ती करा कर इलाज शुरू कर दिया गया है.
डिस्ट्रिक्ट लिगल सर्विस ऑथोरिटी (डालसा), गुमला के जियाउल हक ने बताया कि झालसा द्वारा रिनपास डायरेक्टर से बात की गयी है. विक्षिप्त युवक की गुमला में प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच, कोरोना सैंपल जांच के बाद उसे रिनपास कांके भेजा जायेगा. रिनपास में विक्षिप्त का इलाज चलेगा. अब विक्षिप्त की देखरेख की जिम्मेवारी प्रशासन ने अपने ऊपर ले लिया है. 4 महीने बाद विक्षिप्त को कूड़ा- कचरा रखने वाले डस्टबिन से मुक्ति मिली है.
स्थानीय लोगों ने प्रभात खबर की पहल की सराहना की है. लोगों ने कहा कि प्रभात खबर की एक समाचार के बाद प्रशासन ने विक्षिप्त की मदद की. डालसा के जियाउल हक ने कहा कि समाचार छपने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेकर विक्षिप्त को मदद करने का निर्देश दिया है, जिससे उसकी मदद की गयी है. इसमें प्रभात खबर की भूमिका अहम है.
विक्षिप्त को अस्पताल भेजने के वक्त बीडीओ संध्या मुंडू, गुमला थाना की पुलिस, कोर्ट मैनेजर स्वरूप कुमार, मिशन बदलाव के जीतेश मिंज, अन्नत कुमार, टोटो के विक्की कुमार गुप्ता, भीम आर्मी के सुरेश राम, तारिक अनवर, नगर परिषद के कर्मचारी सहित स्थानीय लोग थे.
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मानसिक रोगी युवक कहां का है. इसका पता अभी नहीं चला है. स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक विक्षिप्त है. इस कारण लोग डर से उसके पास खाना देने नहीं जाते थे. कुछ लोग हिम्मत जुटा कर खाना देते थे. अगर ज्यादा भूख लगती थी, तो नाली के किनारे उगे घास-फूस और चोकोड़ को नोच कर खाता था. घास- फूस खाते हुए वीडियो भी है. प्यास लगने पर नाली का पानी पीता था. लोगों ने कहा कि जिस प्रकार विक्षिप्त युवक जी रहा था. अब उम्मीद है कि प्रभात खबर की पहल के बाद प्रशासन द्वारा इलाज कराने से विक्षिप्त युवक की ठीक ढंग से देखरेख हो पायेगी.
नगर परिषद गुमला के कार्यपालक पदाधिकारी हातिम ताई ने कहा कि मानसिक रोगी युवक की खबर प्रभात खबर में छपने के बाद गुमला डीसी ने फोन किया था. इसके बाद कर्मचारियों को भेज कर विक्षिप्त को अस्पताल पहुंचाया गया है. सैनिटाइज टीम द्वारा विक्षिप्त युवक को अस्पताल पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि जिस स्थिति में विक्षिप्त नाली के किनारे रह रहा था. प्रभात खबर की पहल के बाद ही उसको मदद पहुंचाया जा सका है. मिशन बदलाव के जिला संयोजक जीतेश मिंज ने कहा कि गुमला शहरी क्षेत्र में जितने भी विक्षिप्त हैं. उन्हें इलाज और आश्रय मिले. इसके लिए गुमला प्रशासन से मिल कर ज्ञापन सौंपा जायेगा, जिससे विक्षिप्तों की मदद हो सके.
डालसा के सचिव आनंद सिंह ने कहा कि गुमला में डस्टबिन में बीत रही है विक्षिप्त युवक की जिंदगी शीर्षक से प्रभात खबर में रविवार को समाचार छपने के बाद झालसा के निर्देश पर जिला प्रशासन एवं डीएलएसए ने स्वत: संज्ञान लिया. झारखंड विधिक सेवा प्राधिकारी रांची और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार चंधरियावी के निर्देश पर टीम बनाया गया. इसके बाद मैंने सदर एसडीओ जितेंद्र देव को इसकी जानकारी दिया. सदर एसडीओ की पहल पर उस विक्षिप्त को वाहन से अस्पताल लाया गया. यहां उसे कपड़ा पहना कर खाना खिलाया गया. युवक की कोरोना जांच का सैंपल लेकर मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, गुमला में भर्ती कराया गया है. विक्षिप्त की प्रशासन की निगरानी में जांच होगी.
Posted By : Samir ranjan.