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प्रभात खबर इंपैक्ट : 72 साल बाद लोदापाठ के ग्रामीणों के चेहरे पर ऐसे आयी मुस्कान, जानें

आजादी के 72 साल बाद नाउम्मीदी के बीच एक उम्मीद की किरण जगी है. बिशुनपुर प्रखंड के नीचे लोदापाठ गांव के ग्रामीण उम्मीद छोड़ दिये थे कि अब हमारे गांव का विकास होगा. लेकिन, प्रभात खबर की एक पहल ने गांव के विकास की उम्मीद जगा दी है.

गुमला : आजादी के 72 साल बाद नाउम्मीदी के बीच एक उम्मीद की किरण जगी है. बिशुनपुर प्रखंड के नीचे लोदापाठ गांव के ग्रामीण उम्मीद छोड़ दिये थे कि अब हमारे गांव का विकास होगा. लेकिन, प्रभात खबर की एक पहल ने गांव के विकास की उम्मीद जगा दी है. प्रभात खबर की पहल कैसे रंग लायी, पढ़ें, दुर्जय व बसंत कुमार की रिपोर्ट.

प्रभात खबर ने गांव की समस्याओं को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया. समाचार छपने के बाद प्रखंड प्रशासन हरकत में आया. अखबार में छपी समाचार को गंभीरता से लिया. आजादी के 72 साल बाद प्रखंड के अधिकारी लोदापाठ गांव पहुंचे.

यह इलाका पूरी तरह नक्सल प्रभावित है. भाकपा माओवादी का राजकाज इस क्षेत्र में चलते रहा है. ऐसे क्षेत्र में बिशुनपुर प्रखंड की महिला बीडीओ छंदा भट्टाचार्य पहुंचने की हिम्मत दिखायी. साथ में बिशुनपुर के प्रखंड प्रमुख राम प्रसाद बड़ाइक, एमओ गणेशराम महतो, पंचायत सचिव चैतू गोप, अभिषेक मांझी सहित संबंधित कर्मियों की टीम थी.

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गांव पहुंचने पर अधिकारियों ने सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए ग्रामीणों के साथ बैठक कर समस्याओं से अवगत हुए. जिसमें ग्रामीणों ने मुख्यतः बिजली, पानी, सड़क, पुलिया, चेकडैम जैसी बुनियादी समस्याओं को रखा. मैनेजर भगत में बताया कि गांव में एक वर्ष पूर्व बिजली के तार, पोल व ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं, लेकिन आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं दिया गया.

गर्मी के कारण सूखते हुए कुआं को अधिकारियों को दिखाते हुए पेयजल की किल्लत होने की जानकारी दी. बैगिन नाला पर ग्रामीणों द्वारा बनाये गये लकड़ी के पुल की जगह पुलिया निर्माण कराने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 55 घर है, लेकिन अब तक किसी के घर में शौचालय नहीं बना है.

ग्रामीण अजय उरांव ने बताया कि मुख्यालय से गांव आने में 38 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. हमलोग अंग्रेजों के जमाने में बने जंगल के रास्ते कच्ची सड़क को श्रमदान कर किसी तरह चलने लायक बनाया है. उक्त सड़क का निर्माण हो जाता तो हम ग्रामीणों को 8 किमी की दूरी तय कर मुख्यालय पहुंच सकते हैं. ग्रामीणों की समस्या से अवगत होने के बाद बीडीओ ने पंचायत सचिव को प्रत्येक घर में शौचालय बनवाने का निर्देश दिया.

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मनरेगा का मिलेगा लाभ

बीडीओ छंदा भट्टाचार्य ने पंचायत सचिव को निर्देश दिया कि सप्ताह में एक दिन गांव पहुंचकर डोभा, तालाब, बिरसा हरित योजना के तहत फलदार वृक्षारोपण सहित मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दें, ताकि ग्रामीणों को गांव में ही काम मिल सके.

बीडीओ को देख खुशी से झूमे ग्रामीण

अचानक गांव में बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों को ग्रामीणों ने देखा, तो कुछ क्षण के लिए लोग टकटकी भरी निगाह से देखते रहें. जब बताया गया कि बीडीओ गांव की समस्याओं को देखने व सुनने पहुंचे हैं. इतना सुनते ही ग्रामीण फूले नहीं समा रहे थे. ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के 72 साल बाद आज बीडीओ बिटिया हमलोगों के गांव पहुंची है. अब निश्चित रूप से गांव का विकास एवं हमलोगों की समस्या का समाधान होगा.

प्रभात खबर की खबर तथ्यात्मक है : बीडीओ

गांव की समस्या से अवगत होने के बाद बीडीओ छंदाभट्टाचार्य ने कहा कि प्रभात खबर में छपी खबर तथ्यात्मक है. हमलोगों ने समस्या सुनी हैं. प्रखंड स्तर से जो योजना यहां पर दी जा सकती हैं. उन्हें संचालित की जायेगी. बिजली, पुलिया, चेकडैम, सड़क जैसे समस्याओं के लिए संबंधित विभाग को रिपोर्ट की जायेगी. बुधवार को ग्रामीणों के साथ बैठक में वृद्धा, विधवा पेंशन, राशन कार्ड, ऑनलाइन आदि समस्या सामने आयी हैं. उसे अविलंब संबंधित अधिकारियों को समाधान करने का निर्देश दिया गया है.

Posted By : Samir ranjan.

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