जिले के जंगल व पहाड़ों में रहने वाले आदिम जनजाति असुर, कोरवा, बृजिया, बिरहोर के दिन बहुरेंगे. साथ ही उनके गांवों की तस्वीर बदलेंगी. प्रभात खबर द्वारा आदिम जनजाति गांवों की स्थिति से प्रशासन को लगातार अवगत कराने के बाद गांवों के विकास के लिए प्रशासन गंभीर हुआ है. आइटीडीए विभाग जहां इन आदिम जनजाति गांवों के विकास में रुचि नहीं ले रहा था. परंतु, जैसे उपायुक्त सुशांत गौरव को आदिम जनजातियों की दुर्दशा व गांवों की जानकारी मिली.
उन्होंने इन गांवों के विकास के लिए विशेष योजना बनायी है. आदिम जनजाति के 171 गांवों का विकास होगा. जिला प्रशासन द्वारा जिले के दूर-दराज और सुदूरवर्ती इलाकों के 171 पीवीटीजी (””विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूह) ग्रामों को चिह्नित किया गया है. बतातें चले कि जिले के दूर-दराज के सुदूरवर्ती इलाके में कई ऐसे ग्राम हैं, जहां के लोग या तो प्राथमिक सुविधाओं से वंचित हैं या फिर सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद उसका सही से लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
ऐसे गांवों को चिह्नित करते हुए उन्हें सभी मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने के उद्देश्य से उपायुक्त सुशांत गौरव ने जेटीडीएस की टीम के माध्यम से पीवीटीजी गांवों का सर्वे कराया गया. सर्वे में कुल 171 गांवों को चिह्नित किया गया है.
उक्त चिह्नित गांवों के विकास के लिए योजना तैयार करने के लिए मंगलवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें मुख्य रूप से सहायक समाहर्ता आशीष गंगवार, परियोजना निदेशक आइटीडीए इंदू गुप्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी, जेटीडीएस के जिला परियोजना प्रबंधक समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे. समीक्षा में उपायुक्त ने पाया कि 171 चिह्नित गांवों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र आदि प्रमुख समस्या है.
इस पर उपायुक्त ने जेटीडीएस को सर्वे के दौरान ग्रामीणों से ग्रामसभा में समस्या तथा उसके समाधान पर हुई चर्चा के आधार पर गांवों के विकास के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि योजना तैयार कर एक माह के अंदर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू करें. उपायुक्त ने कहा कि पीवीटीजी गांवों का सर्वे जिले का एक सबसे बड़ा सक्सेस मॉडल बनेगा. गांवों के विकास के लिए योजना तैयार होते कार्य शुरू कर दिया जायेगा और जल्द गांव नये रूप में नजर आयेगा.
उपायुक्त ने कहा कि उक्त गांवों में शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, सड़क निर्माण, पेयजल सुविधा आदि पर मुख्य रूप से कार्य किया जायेगा. कृषि क्षेत्र में सभी किसानों का स्वायल हेल्थ कार्ड बनाते हुए मिट्टी की गुणवत्ता पर बीज वितरण किया जायेगा. इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने अन्य कई विषयों पर भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये.