झारखंड में सरकार गिराने से रोका, कल्पना सोरेन के पति हेमंत के साथ हुआ गलत, सरना कोड करेंगे लागू-राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे राज्य के कुछ मुद्दों पर झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन से बात करेंगे. झारखंड में जमीन व सरना कोड का मामला प्रमुख है. यूपीए की सरकार बनी तो सरना कोड लागू करेंगे. झारखंड में ट्राइबल फ्रेंडली सरकार है. गरीबों की सरकार है.
गुमला, दुर्जय पासवान: भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार को गुमला जिले के कामडारा व बसिया प्रखंड पहुंचे. जगह-जगह पर राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया गया. स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आये. बसिया में राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस कर देश के पीएम नरेंद्र मोदी, अदाणी, अंबानी, टाटा, बिड़ला पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा है कि कल्पना सोरेन से जो बात हुई है, उसे मैं पब्लिकली नहीं कर सकता. वह गोपनीय है, परंतु कल्पना सोरने के पति हेमंत सोरेन के साथ जो हुआ है, वह गलत है. मैं यात्रा में गरीबों से मिला हूं. उनकी समस्याएं सुनीं. मैं राज्य के कुछ मुद्दों पर झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन से बात करूंगा. झारखंड में जमीन व सरना कोड का मामला प्रमुख है. यूपीए की सरकार बनी तो सरना कोड लागू करेंगे. झारखंड में ट्राइबल फ्रेंडली सरकार है. गरीबों की सरकार है. पहले जो भाजपा की सरकार थी. वे एंटी ट्राइबल सरकार थी. भाजपा ने जो किया है, उसका जवाब जनता देगी.
हमने झारखंड में सरकार गिराने से रोक दिया
राहुल गांधी ने कहा है कि पूरे देश में ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स विपक्ष पर हमला कर रही है. केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश की गयी, परंतु झारखंड में हमने सरकार गिराने से रोक दिया. हम लड़ते रहेंगे. यह सच्चाई है. चुनाव आयोग हो, कोई एजेंसी हो, ब्यूरोक्रेसी हो या पुलिस हो. इन सब का देश में दुरुपयोग हो रहा है.
जाति जनगणना से भाग रहे हैं पीएम
राहुल गांधी ने कहा है कि देश के टॉप 200 कंपनी में ओबीसी मालिक नहीं है. अदाणी, अंबानी, टाटा व बिड़ला का नाम आप जरूर सुने होंगे, परंतु कहीं आप ओबीसी का नहीं सुनें होंगे. आदिवासी व दलित का भी नाम आपने नहीं सुना होगा. प्रधानमंत्री अपने को ओबीसी कहते हैं, परंतु बाद में वे कंफ्यूजन में आ गये और कहने लगे कि देश में दो जाति हैं. एक अमीर व दूसरा गरीब. पहले तो पीएम को यह तय करना होगा कि देश में जाति है या नहीं. देश में 50 प्रतिशत ओबीसी, दलित 15 व आदिवासी आठ प्रतिशत है. जनता चाहती है कि जाति जनगणना हो. अगर हम किसी को भागीदारी देना चाहते हैं तो इनकी गिनती हो. देश के प्रधानमंत्री जाति जनगणना से नहीं भागें. वर्ष 2011 में हमने जो सर्वे कराया था. प्रधानमंत्री उसे देश की जनता के सामने रख दें.