प्री मानसून की बारिश में गुमला के घाघरा नदी पर बना चेकडैम बहा, दर्जनों गांव बना टापू
झारखंड में प्री मानसून की बारिश के कारण गुमला के घाघरा नदी में पानी का बहाव तेज हुआ. इस कारण घाघरा नदी पर बना चेकडैम बह गया. इस दौरान एक युवक बहने से बाल-बाल बच गया. वहीं, इस चेकडैम के बहने से दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गया है.
Jharkhad News: गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित कसमार क्षेत्र के एक दर्जन गांव की 10 हजार आबादी को बरसात के दिनों में बिशुनपुर से गांव पहुंचने की आस पहली बारिश में ही टूट गयी. कटिया, टेमरकरर्चा, कुमारी, आसनपानी, निरासी, जमटी सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों की लाइफ लाइन कहे जाने वाली घाघरा नदी में 2008 में बना चेकडैम इस साल प्री मानसून की पहली बारिश में ही बह गया. इसी चेकडैम के सहारे गांव के लोग नदी पार करते थे. चूंकि घाघरा नदी में पुल नहीं है. इसलिए चेकडैम बहने के बाद संबंधित गांव के ग्रामीणों के बीच आवागमन की विकराल समस्या खड़ी हो गयी है.
प्री मानसून की तेज बारिश से चेकडैम बहा
जानकारी हो कि घाघरा नदी में पुल बनाने को लेकर वर्षों से ग्रामीण मांग सहित आंदोलन करते आ रहे हैं. ग्रामीणों के बहुत प्रयास के बाद 2022 में बनालात नदी में पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है. लेकिन, बरसात में संभवत: काम बंद हो जायेगा और निर्माण कार्य अधूरा ही रह जायेगा. दूसरी ओर, नदी में पुलिया निर्माण प्रारंभ होने से ग्रामीणें में काफी खुशी का माहौल था, लेकिन अचानक मंगलवार की रात से लेकर बुधवार दोपहर तक लगातार हुई बारिश के कारण नदी में आयी तेज रफ्तार की पानी की धारा ने गांव पहुंचने का एकमात्र सहारा चेकडैम को अपने साथ बहा ले गया. जिससे ग्रामीणों के समक्ष फिर से घोर संकट उत्पन्न हो गयी है. मालूम हो कि बरसात के दिनों में नदी के उस पार के ग्रामीण उक्त चेकडैम के सहारे घंटों इंतजार करने के बाद किसी तरह जान जोखिम में डालकर गांव पहुंचते थे, लेकिन चेकडैम के बहने से वह भी आस टूट चुकी है.
बहने से बाल-बाल बचा कटिया गांव का युवक
कटिया गांव निवासी सुरेश महली ने बताया कि चेकडैम बहने से जस्ट पूर्व मैं उक्त चेकडैम के सहारे नदी पार कर रहा था. तभी अचानक नदी में पानी का बहाव तेज हो गया. मेरे एक पैर पीछे से चेकडैम बह गया. हालांकि, बहने से बाल-बाल बच गया. कहा कि बनालात में प्रज्ञा केंद्र चलाते हैं. हर दिन गांव से नदी पार कर बनालात जाना पड़ता है. चेकडैम के बहने से हम सभी गांव वालों के समक्ष समस्या खड़ी हो गयी है.
टापू में तब्दील हो जायेगा गांव
प्रभावित होने वाले गांव के सुरेंद्र उरांव, बुद्धराम उरांव, पूजा देवी, मनोज कुमार, मनु नगेसिया, सीताराम लोहरा, छोटू खेरवार ने चेकडैम टूटने को लेकर होने वाली परेशानी बताते हुए कहा कि प्रशासन अगर जल्द व्यवस्था नहीं करता है, तो बरसात के दिनों में पूर्णरूपेण गांव टापू में तब्दील हो जायेगा. जिससे विद्यालय के बच्चे एवं मरीज सहित खाद्य सामग्री के लिए गांव वाले प्रभावित हो जायेंगे.
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रिपोर्ट : बसंत साहू, गुमला.