गुमला के बाजार में 50 पैसा से लेकर 500 रुपये तक की है राखियां, बच्चों के लिए फूड और कार्टून राखियों की भरमार

भाई- बहनों का त्याेहार रक्षाबंधन 22 अगस्त को है. इसको लेकर कई तरह की राखियों से बाजार पट गया है. गुमला के बाजारों में भी 50 पेसा से लेकर 500 रुपये तक की राखी उपलब्ध है. वहीं, बच्चों के कार्टून राखियों की डिमांड काफी अधिक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2021 6:42 PM

Raksha Bandhan 2021, Jharkhand News (जगरनाथ, गुमला) : भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल सावन पूर्णिमा 22 अगस्त को है. रक्षाबंधन को देखते हुए गुमला का बाजार भी विभिन्न तरह की राखियों से पट गया है. 50 पैसा से लेकर 500 रुपये तक ही राखियां गुमला के बाजारों में है. वहीं, इटली, डोसा, पनीर रोल, लैज, कुरकुरे व मैगी राखी की डिमांड भी बढ़ी है. इसके अलावा बच्चों को कार्टून में बाल गणेशा, मोटू-पतलू, बेन 10, स्पाइडरमैन, बाहुबली, पोकेमैन की राखियां भी लोगों को काफी लुभा रही है.

इन दिनों गुमला के बाजारों में कई तरह की राखियां उपलब्ध है. इसमें फोम, स्टोन, रेशम, जरी, बुटी, टेडी बियर, डोरी और लाइटिंग राखी. इसके अलावा गेमिंग राखी में पब्जी, फ्री फायर, लूडो, कैरम के साथ-साथ कार्टून में बाल गणेशा, मोटू-पतलू, बेनट 10, स्पाइडरमैन, मिकी माउस, बाहुबली, पोकेमैन, एंग्री बर्ड आदि राखियां भी हैं.

बता दें कि पिछले कुछ सालों तक गिने-चुने हुए राखी विक्रेताओं द्वारा ही राखियों की बिक्री की जाती थी, लेकिन अब काफी संख्या में राखी विक्रेता हो गये हैं. शहर के मुख्य मार्ग से लेकर गली- मुहल्लों तक में राखियों के दुकान सज गये हैं.

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राखी व्यवसायी हिमांशु केशरी व दीपक कुमार ने बताया कि हर साल दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, अहमदाबाद जैसे बड़ों शहरों से गुमला में राखी मंगाकर बिक्री करते हैं. इस साल बच्चों के लिए कई प्रकार की स्पेशल राखियां हैं, जो बच्चों को लुभा रही है.

1977 से बेच रहे हैं राखी : हरिओम केशरी

शहर के मेन रोड निवासी हरिओम लाल केशरी ने बताया कि उनके दुकान में 1977 से राखी बेची जा रही है. सबसे पहले उनके पिता स्वर्गीय मुरारी प्रसाद केशरी राखी बेचते थे. उस समय लोकल राखी की डिमांड अधिक थी, लेकिन अब दिल्ली और कोलकात्ता से राखी लाकर बेचते हैं. श्री केशरी ने कहा कि हर साल रक्षाबंधन पर्व में अलग-अलग डिजाइन की राखी मंगवाते हैं. जिससे लोगों को पसंद आ सके.

Posted By : Samir Ranjan.

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