गुमला के नागफेनी में नहीं लगेगा रथयात्रा मेला सिर्फ पुजारी करेंगे पूजा, जनता निराश
रथ को भी परंपरा के लिए चार बार आगे पीछे कर परंपरा का निर्वाह किया जायेगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए आम श्रद्धालुओं व दर्शकों को मंदिर आने से मनाही किया गया है. मुख्य पुजारी मनोहर पंडा व चक्रधर पंडा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर रथयात्रा के बाबत प्रशासन से अभी तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. फिर भी इस महामारी काल में मंदिर प्रबंधन ने रथ यात्रा मेला का आयोजन रद्द करने के साथ आम भक्तगण दर्शन के लिए भी मंदिर नहीं आने की अपील की है.
गुमला : कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम को लेकर सोमवार को लगनेवाला नागफेनी का ऐतिहासिक रथयात्रा मेला का आयोजन इस बार नहीं होगा. आम श्रद्धालुओं को भी पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर में प्रवेश करने नहीं जाने दिया जायेगा. मंदिर के पुजारियों द्वारा ठाकुरबाड़ी मंदिर में ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की पारंपरिक पूजा की जायेगी.
रथ को भी परंपरा के लिए चार बार आगे पीछे कर परंपरा का निर्वाह किया जायेगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए आम श्रद्धालुओं व दर्शकों को मंदिर आने से मनाही किया गया है. मुख्य पुजारी मनोहर पंडा व चक्रधर पंडा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर रथयात्रा के बाबत प्रशासन से अभी तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. फिर भी इस महामारी काल में मंदिर प्रबंधन ने रथ यात्रा मेला का आयोजन रद्द करने के साथ आम भक्तगण दर्शन के लिए भी मंदिर नहीं आने की अपील की है.
परंपरा का निर्वहन स्वरूप मंदिर के पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की जायेगी. ज्ञात हो कि नागफेनी रथ यात्रा का इतिहास दो सौ साल पुराना है. मनोहर पंडा के अनुसार विक्रम संवत 1761 व ईसवी सन 1818 से नागफेनी रथयात्रा निरंतर चलते आ रहा है. इतने वर्षों से लोग पीढ़ी दर पीढ़ी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा अर्चना के साथ रथयात्रा निकलते आ रहे हैं. किंतु कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल से रथ यात्रा प्रभावित है.