रौतिया समाज के लोगों ने दी चेतावनी : आदिवासी का दर्जा नहीं मिला, तो रांची से लेकर दिल्ली तक होगा महाआंदोलन

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साय ने कहा है कि 1872 की जनगणना में रौतिया जाति को आदिवासी माना गया है. परंतु एक षडयंत्र व राजनीति दांव पेंच कर हमसे आदिवासी का दर्जा छीन लिया गया

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2023 1:29 PM
an image

गुमला : गुमला में आयोजित महासम्मेलन में शामिल पांच राज्यों झारखंड, ओड़िशा, छतीसगढ़, बंगाल व आसाम के रौतिया जाति के लोगों ने हुंकार भरी है. समाज के लोगों ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर रौतिया जाति को आदिवासी का दर्जा नहीं मिला, तो रांची से लेकर दिल्ली तक महाआंदोलन होगा. कहा कि नजदीक में लोकसभा चुनाव है. कई संसदीय क्षेत्र के सीटों को रौतिया जाति प्रभावित कर सकती है. चुनाव से पहले रौतिया जाति को आदिवासी का दर्जा देने के संबंध में सरकार से ठोस निर्णय लेने की मांग की है. बख्तर साय व मुंडन सिंह सभागार में आयोजित महासम्मेलन में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष लालदेव सिंह कहा कि भारी बारिश के बावजूद हमारे समाज के लोग भारी संख्या में एकत्रित होकर संकल्प यात्रा को सफल बनाये हैं. इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं. कहा कि रौतिया समाज के लोगों को हमेशा से छला जा रहा है, जिससे समाज में काफी आक्रोश है. अब रौतिया समाज के लोग जागरूक हो चुके हैं. आज हमने अपने संगठन की ताकत इस कार्यक्रम के माध्यम से दिखा दिया है. हमारी मांग जायज है, सरकार हमें आदिवासी का दर्जा दें.


सरकार ने नहीं सुनी, तो लेंगे बड़ा निर्णय : ओमप्रकाश

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साय ने कहा है कि 1872 की जनगणना में रौतिया जाति को आदिवासी माना गया है. परंतु एक षडयंत्र व राजनीति दांव पेंच कर हमसे आदिवासी का दर्जा छीन लिया गया. कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. केंद्र सरकार के खिलाफ हम काम करना शुरू कर देंगे. इसलिए अनुरोध है कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दें, नहीं तो मजबूरी में बड़ा निर्णय लेना होगा.

Also Read: गुमला में दलालों ने बेच दी रौतिया जाति की दर्जन भर जमीन, चैनपुर अंचल की भूमिका संदेह में
नेताओं को गांव में घुसने नहीं देंगे : रोहित

झारखंड राज्य के प्रदेश अध्यक्ष रोहित सिंह ने कहा कि झारखंड राज्य में वर्ष 1972 से रौतिया समाज का संगठन कार्य कर रहा है. हमारा फाइल केंद्र सरकार के पास हमेशा भेजा जाता है. परंतु हमारे फाइल को वापस भेज दिया जाता है. इसके लिए सरकार दोषी है. हम अपनी मांगों को लेकर सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे. अगर जरूरत पड़ेगी, तो हम रौतिया गांव में नेताओं का घुसने का बहिष्कार करेंगे.

बारिश में भी नहीं थमे हमारे पैर : धर्मवीर

झारखंड प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता धर्मवीर सिंह ने कहा कि यह आंदोलन एक शुरुआत है. आज रौतिया जाति ने अपनी मांग को लेकर 20 किमी पैदल चला है. अगर सरकार नहीं सुनी, तो गुमला से रांची तक 100 किमी पैदल चलेंगे. इसके बाद सरकार चुप रही, तो हम पूरे राज्य से दिल्ली पहुंचेंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. कहा कि भारी बारिश में भी रौतिया जाति के पैर सड़कों पर नहीं थमे. हम चलते रहे और अपनी मांग आदिवासी का दर्जा देने की आवाज को बुलंद किया है.

महासम्मेलन में उपस्थित प्रमुख लोग

महासम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता धर्मवीर सिंह, गोपाल सिंह, लालमोहन सिंह, रामप्रताप सिंह, सालिक राम सिंह, हीरा प्रसाद सिंह, भरत सिंह, रवींद्र सिंह, जगेश्वर सिंह, महेश सिंह महेंद्र सिंह, संदीप सिंह, श्यामसुंदर सिंह, जगतपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, बुद्धनाथ सिंह, बहादुर सिंह, हेमंत सिंह, तनवीर सिंह, दुर्गा सिंह, राजेश सिंह, बिरसू सिंह, शकुंतला सिंह, संजीता कुमारी, लक्ष्मी सिंह आदि मौजूद थे.

Exit mobile version