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गुमला के परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में ही होगा रावण दहन, प्रशासन ने दी अनुमति

परंतु रावण दहन कमेटी, पूजा समिति के लोगों की मांग पर गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने विचार-विमर्श कर स्टेडियम में रावण दहन करने की अनुमति दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2023 1:44 PM
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गुमला : गुमला के परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में ही रावण दहन होगा. प्रशासन ने स्टेडियम में रावण दहन करने की अनुमति दे दी है. इस संबंध में पत्रकारों के आइपीआरडी व्हाट्सऐप ग्रुप में एडीपीआरओ अलीना दास ने मैसेज डाला है, जिसमें उन्होंने कहा है कि रावण दहन समिति गुमला के अनुरोध के बाद परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन करने की सशर्त अनुमति दे दी गयी है. बता दें कि गुमला में खेल को बढ़ावा देने व खिलाड़ियों को अच्छा ग्राउंड उपलब्ध कराने के मकसद से स्टेडियम में राजनीति, सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम पर फिलहाल रोक लगा दी गयी है. स्टेडियम में सिर्फ खेल का ही आयोजन होना है. इसलिए गुमला प्रशासन ने इस वर्ष स्टेडियम में रावण दहन कराने से इंकार कर दिया था.

परंतु रावण दहन कमेटी, पूजा समिति के लोगों की मांग पर गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने विचार-विमर्श कर स्टेडियम में रावण दहन करने की अनुमति दी गयी है. इधर, प्रशासन द्वारा रावण दहन करने की अनुमति देने के बाद लोगों ने खुशी है. बैठक में रावण दहन कमेटी के अध्यक्ष उज्जवल केसरी, सचिव सुमित साबू चीनू, कोषाध्यक्ष सुधांशु केसरी सोनू, पूर्व विधायक कमलेश उरांव, विनय कुमार लाल, दुर्गा दास फोगला, निर्मन गोयल, रमेश कुमार चीनी, शशि प्रिय बंटी, अनूपचंद्र अधिकारी, दामोदर कसेरा, शकुंतला देवी, पूनम देवी, बलदेव शर्मा, संदीप कुमार, रवींद्र सिंह, ओमप्रकाश साहू, विजय दी ग्रेट, सत्यनारायण पटेल सत्ता, अशोक जायसवाल, शंकर लाल जाजोदिया, मुकेश राम, प्रदीप केसरी, बबलू वर्मा, विवेक केसरी, अभिनव कुमार, शिवम जायसवाल, विकास फोगला, गौरव केसरी, अमित मंत्री, नीतेश कुमार, हरजीत सिंह, अनिकेत कुमार, जीतेंद्र कुमार, अमन आनंद आदि उपस्थित थे.

समिति ने प्रशासन का जताया आभार:

श्रीबड़ा दुर्गा मंदिर पूजा समिति के अध्यक्ष निर्मल गोयल व सचिव रमेश कुमार चीनी ने कहा है कि दशहरा हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है. परंपरा के अनुसार जब मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकलती है, तो पहले मां दुर्गा को स्टेडियम के पास ले जाया जाता है. इसके बाद ही रावण दहन होता है. प्रशासन के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं कि रावण दहन करने की अनुमति दी गयी. साथ ही प्राचीन परंपरा को टूटने से बचा लिया गया.

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