मजदूरी कर 5 बच्चों की परवरिश कर रही गुमला की सरांगो पंचायत की पंसस रेणुका, पति की मौत का नहीं मिला मुआवजा

गुमला की सरांगो पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रेणुका तिर्की मजदूरी कर अपने परिजनों का परवरिश कर रही है. पति की मौत के बाद अब तक बिजली विभाग की ओर से मुआवजा नहीं मिला है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चे अब पढ़ाई छोड़ घर में बैठ गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2022 6:55 AM

Jharkhand News: गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड की सरांगो पंचायत की पंचायत समिति सदस्य (पंसस) रेणुका तिर्की की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों को पढ़ाई से लेकर घर चलाना मुश्किल हो गया है. रेणुका अपने पति की मौत के बाद मनरेगा में मजदूरी का काम कर जीविकोपार्जन कर रही है. जबकि पति की मौत का अब तक बिजली विभाग से मुआवजा नहीं मिला है. आर्थिक संकट के कारण बच्चे भी पढ़ाई छोड़ कर घर पर बैठे हैं.

घर की आर्थिक स्थिति खराब, बच्चे स्कूल छोड़ घर पर बैठे

रेणुका के पांच बच्चे पुष्पा बेक, चांदनी बेक, अरविंद भगत, पंकज भगत और प्रवीन भगत है. अरविंद और पंकज नवडीहा स्थित टाना भगत आवासीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, प्रवीण भगत गांव के ही सरकारी विद्यालय में छठी कक्षा में पढ़ाई करता है. दोनों बेटी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पढ़ाई छोड़ कर घर पर बैठी है. रेणुका ने बताया कि पुष्पा और चांदनी दुमका स्थित गवर्नमेंट वूमेन पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ाई की. जिसके बाद आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण घर पर बैठी है.

वर्ष 2019 में हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से पति की हुई थी मौत

बता दें कि रेणुका के पति फुलदेव भगत की मौत 2019 में बिजली के हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से मौत हो गयी थी. रात्रि में छोटा बेटा पंकज को शौच कराने के लिए घर से बाहर लेकर जा रहे थे. इसी दौरान अचानक हाई वोल्टेज तार गिरा. जिसकी चपेट में फुलदेव आ गया और मौत हो गयी.

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बी-टेक करना चाहती है रेणुका की बेटियां

दोनों बेटी पुष्पा एवं चांदनी ने कहा कि हमें पढ़ने का मन है. पर, घर की स्थिति काफी दयनीय है. इस कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. यदि प्रशासन मदद करें, तो हम दोनों पढ़कर जरूर अपने राज्य का नाम रोशन करेंगे. दोनों को बी-टेक कर आगे की पढ़ाई करने का सपना है. रेणुका ने बताया कि पति की मौत के बाद बिजली विभाग पर प्राथमिकी दर्ज भी करायी थी. जिसके बाद एक बार भी रेणुका को ना थाना बुलाया गया और ना ही कोर्ट में गवाही हुई. केस ऐसे ही रफा-दफा कर दिया गया और मुआवजा भी नहीं मिला.

पंचायत समिति सदस्य करती है मजदूरी

बता दें कि रेणुका पिछले चुनाव में पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुई थी. इस वर्ष भी पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीती है. पंचायत समिति सदस्य होते हुए भी रेणुका मनरेगा में मजदूरी का काम कर घर चला रही है. रेणुका ने बताया कि खेती-बारी भी नहीं है जो अध-बटाई पर खेती कराया जा सके.

बिजली विभाग से नहीं मिला मुआवजा

मुआवजा के संबंध में पूछने पर बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर सूरज दास ने बताया की चार लाख मुआवजा का प्रावधान है. मुआवजा के लिए हमलोग सभी प्रक्रिया पूरी कर दस्तावेज गुमला भेज दिये हैं. अभी तक मुआवजा मिल जाना चाहिए था. परंतु नहीं मिला. अब इसे गुमला में ही पता करना पड़ेगा.

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रिपोर्ट : अजीत साहू, घाघरा, गुमला.

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