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झारखंड: नशे में चला रहा था बाइक, अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरायी, मां-पिता की मौत, युवक घायल

रेफरल अस्पताल सिसई में डॉक्टरों द्वारा आइएमए व झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार होने के कारण जयश्री उरांव काफी देर तक अस्पताल परिसर में तड़पता रहा, परंतु घायल का इलाज नहीं किया गया. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए घायल जयश्री उरांव को सिसई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

गुमला: गुमला जिले के सिसई प्रखंड में सड़क हादसे में शुक्रवार को पति-पत्नी (दंपती) की मौत हो गयी, वहीं बेटा जयश्री उरांव (20 वर्ष) घायल हो गया. मृतकों में लकेया गांव निवासी नंदराम उरांव (50 वर्ष) व मुन्नी देवी (45 वर्ष) शामिल हैं. घायल जयश्री उरांव का इलाज सिसई के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर ने उसे खतरे से बाहर बताया है. घटना के बाद से गांव में मातम पसर गया है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने मृतकों के शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. रेफरल अस्पताल सिसई में डॉक्टरों द्वारा आइएमए व झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार के कारण जयश्री उरांव काफी देर तक अस्पताल परिसर में तड़पता रहा, परंतु उसका इलाज नहीं किया गया. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मुखिया सुगिया देवी, सहिया मुन्नी देवी व सहिया रंजू देवी जयश्री को उठाकर सिसई के निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए. बताया जा रहा है कि जयश्री उरांव नशे में बाइक चला रहा था. इसी दौरान बाइक अनियंत्रित हो गयी और पेड़ से टकरा गयी. सहिया ने इस दौरान सूझबूझ का परिचय दिया. इससे उनकी पहचान हो सकी.

बाइक अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गयी

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को तीनों (मां-पिता व पुत्र) अपनी बाइक (जेएच 1 डीक्यू 1966) हीरो साइन से महिला के मायके समल जोरगोटोली गांव जा रहे थे. बेटा जयश्री उरांव बाइक चला रहा था. वह नशे में था. इसी क्रम में महुदा बरटोली के समीप बाइक अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गयी. घटना में तीनों को सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें लगी थीं. तीनों घायल अवस्था में वहीं पड़े हुए थे. तीनों में से कोई हेलमेट नहीं पहना था. बारिश आने के कारण रास्ता सुनसान था. जिससे उन लोगों को समय से कोई मदद नहीं मिल सकी. शायद हेमलेट पहने होते व समय से चिकित्सा सुविधा मिल जाती तो दोनों की जान बच सकती थी.

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सहिया की पहल पर हुई तीनों की पहचान

इधर, सहिया रंथी देवी बैठक में शामिल होने के लिए सिसई आ रही थी. इस दौरान उनकी नजर घायलों पर पड़ी. उसने पुलिस को सूचना देते हुए घायलों का वीडियो बनाकर सहिया व ग्राम संगठन व्हाटसएप ग्रुप में डाला. जिससे तीनों की पहचान हो सकी. सूचना पर गश्ती कर रहे एएसआइ रघुनंदन प्रसाद राव घटनास्थल पहुंचकर तीनों को रेफरल अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टर ने नंदराम व मुन्नी देवी को मृत घोषित कर दिया.

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रेफरल अस्पताल में नहीं हुआ इलाज

रेफरल अस्पताल सिसई में डॉक्टरों द्वारा आइएमए व झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार होने के कारण जयश्री उरांव काफी देर तक अस्पताल परिसर में तड़पता रहा, परंतु घायल का इलाज नहीं किया गया. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मुखिया सुगिया देवी, सहिया मुन्नी देवी व सहिया रंजू देवी जयश्री को उठाकर सिसई के निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए.

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