झारखंड: सड़क हादसे में बुजुर्ग की मौत से आक्रोश, शव के साथ सड़क जाम कर 20 लाख रुपये मांगा मुआवजा

सोमवार की रात बाइक से विश्राम महली व उसका पुत्र राजू महली व एक अन्य को गुमला से आने के क्रम में विपरीत दिशा से आ रही एक बोलेरो ने धक्का मार दिया था. जिससे घटनास्थल पर विश्राम की मौत हो गयी थी. राजू को गंभीर चोट आयी है, जिसका इलाज रांची रिम्स में चल रहा है. मौत से आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2023 10:27 PM
an image

गुमला, दुर्जय पासवान. सड़क हादसे में विश्राम महली (60 वर्ष) की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. करौंदा गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार की शाम चार बजे सिलाफारी गांव के समीप नेशनल हाइवे-43 जाम कर दिया. ग्रामीण शव के साथ बीच सड़क पर बैठ गये. परिजन व ग्रामीण मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे. गुमला पुलिस द्वारा काफी समझाने के बाद शाम छह बजे लोगों ने सड़क जाम हटाया. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मृतक के परिजन को मुआवजा मिलेगा.

20 लाख रुपये मांगा मुआवजा

सड़क जाम होने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. जिससे दर्जनों यात्री वाहने व मालवाहक ट्रक घंटों फंसे रहे. सड़क जाम स्थल पर मृतक के परिजनों ने 20 लाख रुपये मुआवजा की मांग की. आपको बता दें कि सोमवार की रात बाइक से विश्राम महली व उसका पुत्र राजू महली व एक अन्य को गुमला से आने के क्रम में विपरीत दिशा से आ रही एक बोलेरो ने धक्का मार दिया था. जिससे घटनास्थल पर विश्राम की मौत हो गयी थी. राजू को गंभीर चोट आयी है, जिसका इलाज रांची रिम्स में चल रहा है.

Also Read: झारखंड: झामुमो की बैठक में बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के खिलाफ क्यों लाया गया निंदा प्रस्ताव?

घायल बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं

विश्राम महली का पोस्टमार्टम होने के बाद ग्रामीणों व परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ सड़क जाम कर दिया. मृतक की पत्नी एतवारी देवी ने कहा कि उसके पति विश्राम महली शादी विवाह व पूजा पाठ के समय घर-घर जाकर बाजा बजाने का कार्य करते थे. जिससे उनका घर चलता था. उसके बेटे की भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इलाज के लिये पैसे नहीं हैं. उन्होंने मुआवजा की मांग की. मृतक के दूसरे पुत्र जीतवाहन महली ने 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की.

Also Read: झारखंड: डायन-बिसाही को लेकर भड़के ग्रामीणों ने सिर मुड़वाकर वृद्ध दंपती को क्यों घुमाया पूरे गांव?

Exit mobile version