रांची : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएमजीएसवाइ के तहत गुमला जिला में 2011-12 से 2013-14 तक बनायी गयी सड़कों में भारी गड़बड़ी पकड़ी गयी है़ विधानसभा में मामला आने के बाद विशेष कमेटी ने इसकी जांच की़ विशेष कमेटी ने स्थल निरीक्षण किया़ एक-एक सड़क की जांच की गयी, तो पाया गया कि मिट्टी और बालू पर ढलाई कर दी गयी है़
मापदंड के आधार पर सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है़ विभागीय शर्त बदलकर काम पूरा दिखा दिया गया़ अक्तूबर 2015 मेें विधानसभा की कमेटी ने जांच कर पूरी रिपोर्ट दी़ विस कमेटी ने लिखा कि सड़क निर्माण से जुड़े लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज करते हुए सीबीआइ जांच करायी जाये़
सरकार ने विस कमेटी की अनुशंसा की अनदेखी कर दी़ छह वर्षों बाद भी करोड़ों के इस घोटाले पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है़ इधर विधानसभा की वर्तमान सामान्य प्रयोजन समिति ने संज्ञान लिया है़ पुरानी विधानसभा की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है, लेकिन विभाग की ओर से फिर जवाब नहीं दिया जा रहा है़
विधानसभा में वर्ष 2015 में तत्कालीन भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव ने सड़क निर्माण में घोटाले का मामला उठाया था़ इसके बाद विधानसभा की जांच कमेटी बनी थी़ कमेटी में तत्कालीन विधायक राधाकृष्ण किशोर, शिवशंकर उरांव, अशोक कुमार, जोबा मांझी, लक्ष्मण टुडू और निर्मला देवी शामिल थी़ं डेढ़ महीने की जांच के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी़
पीएमजीएसवाइ की नोडल एजेंसी झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) ने इन सड़कों को बनाने के लिए एनबीसीसी, एनपीसीसी और एचसीएल के साथ एग्रीमेंट किया़ सड़कों के निर्माण प्राक्कलन और एनपीसीसी द्वारा दी गयी रिपोर्ट भी अलग-अलग है़ जेएसआरआरडीए के तकनीकी अधिकारियों ने भी माना है कि घटिया सड़क का निर्माण कराया गया है़ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि एक कंपनी इरकॉन ने राज्य सरकार और जेएसआरआरडीए से बिना एग्रीमेंट किये सड़क बना दी़ बिना सरकार के आदेश के कंपनी ने कैसे काम किया, इस पर सवाल उठाया गया है़
Posted By : Sameer Oraon