गुमला में एक व दो रुपये के सिक्के बंद होने की उड़ी अफवाह

ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सिक्का लेने को तैयार नहीं, दुकानदार भी सिक्का लेने से कर रहे हैं इंकार

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 9:26 PM

गुमला

. गुमला जिले में एक व दो रुपये के सिक्के बंद होने की अफवाह उड़ रही है. किसी ने अफवाह उड़ा दी है कि सरकार एक व दो रुपये के सिक्के बंद करने जा रही है. इसके बाद से गुमला के ग्रामीण क्षेत्र के लोग एक व दो रुपये के सिक्के दुकान से लेने से कतरा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कई दुकानदार भी सिक्का लेने से इंकार करते नजर आ रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि अब तक सरकार ने एक व दो रुपये के सिक्के बंद करने की किसी प्रकार की घोषणा नहीं की है. एक बैंक अधिकारी के अनुसार एक व दो रुपये के सिक्के प्रचलन में है. सिक्के बंद नहीं हुए है. अगर कोई अफवाह उड़ा रहा है, तो यह गलत है. ग्राहक व दुकानदार सिक्के की लेन-देन कर सकते हैं. क्योंकि अभी सरकार द्वारा जारी किये गये हर प्रकार के सिक्के का प्रचलन है. गुमला मेन रोड के व्यवसायी सुधांशु कुमार ने प्रभात खबर को सिक्के का फोटो व मैसेज भेज कर कहा है कि कुछ लोगों ने एक व दो रुपये के सिक्के बंद होने की अफवाह उड़ा दी है. इस कारण कोई ग्राहक अब सिक्का लेना नहीं चाहता. जबकि सरकार ने सिक्का बंद नहीं किया है. यह प्रचलन में है. इधर, सरकार द्वारा जो नये सिक्के निकाले गये हैं. गुमला जिले में खासकर गांवों में उसे प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है. ये अफवाह पता नहीं कहां उड़ रही है कि सिक्कों को सरकार द्वारा बंद कर किया गया है और गांव के भोले-भाले लोग इसे लेने से इंकार कर रहे हैं. नतीजतन अब शहरों में भी इन सिक्कों का चलन कम हो रहा है. सोशल मीडिया ग्रुप में शहर के प्रबुद्धजन, प्रशासनिक अधिकारी, बैंक कर्मी व व्यवसायिक संगठन के लोग जुड़े हैं. इन सभी लोगों से आग्रह है कि इस तरह की अफवाह पर विराम लगवायें व लोगों को अपने स्तर से जागरूक करें.

पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भी नहीं चल रहे हैं सिक्के :

गुमला चेंबर ऑफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष हिमांशु केशरी ने कहा है कि गुमला के इर्द-गिर्द, छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ भागों में सिक्कों का प्रचलन बंद सा हो गया है. लोग सीधा कहते हैं कि हमारे यहां सिक्का नहीं चलता है. शहर में बड़े सिक्कों (पांच व दस रुपये के सिक्के) को थोड़े बहुत लोग उपयोग कर रहे हैं. परंतु, छोटे सिक्के एक व दो रुपये का आमजनों द्वारा नहीं लिया जा रहा है. अगर बड़े सिक्के दुकान में नहीं है और छोटा सिक्का दिया जाये, तो लोग यहीं कहते हैं कि इसको आप ही रख लीजिए. हमें पैसा मत लौटाइये, चलेगा ही नहीं तो लेकर क्या करेंगे. उसके स्थान पर कोई सामग्री दे दें. श्री केशरी ने कहा है कि गुमला प्रशासन इस पर पहल कर सिक्कों के प्रचलन को जारी रखने के लिए आदेश जारी करें.

अफवाह उड़ने के पीछे कहीं न कहीं दुकानदार भी दोषी :

गुमला के डुमरडीह निवासी त्रिभुवन शर्मा ने कहा है कि सिक्के बंद हो रहे हैं. अगर यह अफवाह उड़ रही है तो इसके पीछे कहीं न कहीं दुकानदार ही दोषी हैं. क्योंकि, अगर कोई ग्राहक किसी दुकान से समान खरीदता है और उसे एक व दो रुपये वापस करना है, तो सिक्का देने के बजाय अब दुकानदार चॉकलेट या कोई और सामग्री ग्राहक को थमा देते हैं. यह प्रक्रिया गुमला में लंबे समय से चल रही है. इसका परिणाम है कि लोगों को लगने लगा है कि एक व दो रुपये के सिक्कों का प्रचलन बंद हो गया है. इसलिए छुट्टे पैसे वापस करने के बजाय खाने की सामग्री उतनी ही राशि की दे दी जाती है. इसलिए लोगों के मन में बैठ गया है कि अब एक व दो रुपये का सिक्के बंद होने वाले हैं. इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग सिक्का लेने से कतराने लगे हैं. क्योंकि, ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों के लिए एक व दो रुपये काफी महत्व रखता है. इसलिए छुट्टे लेकर वे अपनी पूंजी डुबाना नहीं चाहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version