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घाघरा कोरेंटिन सेंटर के 7 प्रवासी मजदूरों का 20 दिनों से सैंपल पेंडिंग, कहा- हमें जाने दें घर, खेती नहीं होगी, तो जीना होगा मुश्किल

गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के कोरेंटिन सेंटर में 7 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. ये मजदूर पेशे से किसान हैं. रेड जोन से आने के बाद इन्हें कोरेंटिन सेंटर में रखा गया है, लेकिन सेंटर में रहे 20 दिन से अधिक हो गया. अभी तक कोरोना जांच के लिए लिया गया सैंपल पेंडिंग है, जिससे सभी मजदूर परेशान हैं.

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गुमला : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के कोरेंटिन सेंटर में 7 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. ये मजदूर पेशे से किसान हैं. रेड जोन से आने के बाद इन्हें कोरेंटिन सेंटर में रखा गया है, लेकिन सेंटर में रहे 20 दिन से अधिक हो गया. अभी तक कोरोना जांच के लिए लिया गया सैंपल पेंडिंग है, जिससे सभी मजदूर परेशान हैं. पढ़ें दुर्जय पासवान की रिपोर्ट.

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर गुमला जिला अंतर्गत घाघरा के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय को कोरेंटिन सेंटर बनाया गया है. इस सेंटर में 7 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि पिछले 20 दिनों से कोरोना जांच का सैंपल पेंडिंग है. कई बार सैंपल के बारे में कर्मचारियों से पूछा, लेकिन सही जवाब नहीं मिला, जिससे सभी मजदूर उग्र हैं.

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प्रवासी मजदूरों ने कोरेंटिन सेंटर से वीडियो बनाकर भेजा है, जिसमें कोरेंटिन सेंटर में रहने में हो रही परेशानी की जानकारी दी है. मजदूरों ने अपनी पीड़ा भी बतायी है. उनका कहना है कि मॉनसून शुरू होने वाला है. खेती-बारी का समय है. अगर हम इसी प्रकार कोरेंटिन सेंटर में रहेंगे, तो गांव में खेती- बारी प्रभावित होगी.

मजदूरों ने कहा है कि खेती- बारी नहीं करेंगे, तो क्या खायेंगे. उन लोगों ने प्रशासन से सैंपल की जांच रिपोर्ट जल्द मंगाने की मांग की है, ताकि घर जाकर खेती- बारी कर सकेंगे. कर्मपाल उरांव, सुनील महतो, राजेश उरांव, रजनी देवी ने कहा कि कोरोना संकट के बाद लगे लॉकडाउन से घर की सभी पूंजी खत्म हो गयी है. प्रदेश कमाने गये थे, लेकिन गंवा कर आये हैं. अब अगर खेती- बारी नहीं करेंगे, तो भूखे मरना पड़ेगा.

इधर, प्रवासी मजदूरों द्वारा भेजे गये वीडियो को मिशन बदलाव के भूषण भगत ने सीएमओ व गुमला डीसी को ट्वीट कर कोरेंटिन सेंटर में रह रहे मजदूरों की समस्या से अवगत कराया है. वहीं, घाघरा बीडीओ से बात करने पर उन्होंने कहा कि सैंपल पेंडिंग जिला स्तर से है.

Posted By : Samir ranjan.

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