जारी प्रखंड में बालू माफिया हावी
जारी प्रखंड में बालू माफिया हावी है
: दबंग लोग प्रति ट्रैक्टर 200 रुपये वसूल रहे हैं. 6 गुम 3 व 4 में ट्रैक्टर से नदी से बालू निकालकर ले जाते
प्रतिनिधि, गुमलाजारी प्रखंड में बालू माफिया हावी है. गोविंदपुर पंचायत के कमलपुर व तिगरा नदी के घाटों से हर दिन 300 से अधिक ट्रैक्टर बालू निकल रहा है. इसके बाद बालू माफिया उक्त बालू को जंगली रास्ते से होकर छत्तीसगढ़ राज्य ले जाकर ऊंचे दामों में बेच रहे हैं. बालू के इस अवैध खेल में कई दबंग लोग शामिल हैं. कुछ नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है. प्रशासन को सब पता है कि बालू की अवैध निकासी नदियों से हो रही है. परंतु, सभी लोग मुंह बंद किये हुए हैं. जबकि बालू के इसी अवैध कारोबार के कारण कई बड़े हादसे हो चुके हैं. हादसे में जान भी गयी है. इसके बाद भी प्रशासन बालू के इस अवैध धंधा को बंद नहीं करा रहा है. यहां बता दें कि बालू बेचने के लिए प्रखंड में किसी बालू घाट की नीलामी नहीं हुई है. लेकिन बालू से भरे सैकड़ों ट्रैक्टर रोज नदी से जशपुर जिले की सड़क पर दौड़ते मिलती है. शहर से लेकर गांव तक खुलेआम बालू बिक्री भी की जाती है. इन सबको रोकने लिए जिले में खनन टास्क फोर्स गठित है. इसमें प्रशासन, पुलिस व खनन विभाग के आला अफसर शामिल हैं. लेकिन वे खनिज संपदा की इस लूट से आंखें फेरे हुए हैं. वहीं तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर दोष मढ़ते हैं. लेकिन इसे कभी चुनावी मुद्दा नहीं बनाया है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है. विधानसभा चुनावों के दौरान वोट मांगने आने वाले नेताओं को भी इस सवाल से दो-चार होना पड़ रहा है. कई बार टास्क फोर्स की बैठक में बालू के अवैध धंधा को बंद करने के लिए कहा गया. परंतु, कभी कार्रवाई नहीं हुई है. अभी सभी लोग चुनाव में व्यस्त हैं तो बालू माफिया को बालू की चोरी करने का रास्ता साफ मिल गया है. नदियों से बालू निकालकर जगह जगह डंप भी किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार गोविंदपुर गांव के कई बालू माफिया की मिलीभगत से यह कार्य हो रहा. 300 गाड़ी जशपुर जिला में ले जाकर मुंह मांगा दामों पर बेचा जा रहा है. बदले में कुछ दबंग लोग प्रत्येक गाड़ी से 200 रुपये की वसूली करते हैं. साथ ही झारखंड छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली लावा नदी में हाई लेवल पुल बनाया गया है. जबकि बालू का उठाव पुल के नजदीक से ही किया जा रहा है. वही कहीं पुल ध्वस्त ना हो जाय. जिसकी लिखित शिकायत कुछ माह पहले संवेदक द्वारा उपायुक्त से किया था. इसके बाद भी बालू का उठाव बंद नहीं हो रहा है.
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