गुमला में पुलिस की कार्रवाई से बालू माफियाओं में हड़कंप, तीन ट्रैक्टर जब्त
पुलिस ने नदी से ट्रैक्टर का तीन डाला जब्त किया है. तीन अन्य ट्रैक्टर को इंजन व डाला सहित जब्त कर थाना लाया गया. बताया जाता है कि जब नदी से बालू का उठाव किया जा रहा था,
गुमला, दुर्जय पासवान:
गुमला में पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से बालू माफिया डरे हुए हैं. कार्रवाई से बचने के लिए माफिया ट्रैक्टर का इंजन लेकर भाग रहे हैं. हुआ यूं कि शनिवार को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि टिकुल मरदा नदी से बालू का अवैध उठाव हो रहा है. पुलिस ने तुरंत टीम बनायी और जिस स्थान से बालू उठ रहा था, उसकी घेराबंदी शुरू कर दी. पुलिस को देखकर तीन बालू माफिया ट्रैक्टर का इंजन लेकर भाग निकले.
पुलिस ने नदी से ट्रैक्टर का तीन डाला जब्त किया है. तीन अन्य ट्रैक्टर को इंजन व डाला सहित जब्त कर थाना लाया गया. बताया जाता है कि जब नदी से बालू का उठाव किया जा रहा था, तभी पुलिस पहुंच गयी. बताया जा रहा है कि पुलिस ने जब घेराबंदी शुरू की तो बालू उठाव कर रहे लोग गिरते पड़ते भाग निकले. इन्हीं में से कुछ लोग जंगल में घुस गये. जबकि कुछ लोग नदी के रास्ते होकर भागे.
बालू उठाव कर रहे तीन ट्रैक्टर जिसका इंजन व डाला अलग-अलग था. उसे ट्रैक्टर चालक इंजन को लेकर भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने कई किमी तक पीछा किया. परंतु चालक भागने में सफल रहा. आपको बता दें कि गुमला प्रशासन ने अवैध बालू के धंधा के खिलाफ जिलेभर में कार्रवाई तेज कर दी है. जिला खनन पदाधिकारी के अलावा सभी थाना के थानेदार बालू माफिया के खिलाफ काम कर रहे हैं.
लगातार हो रही कार्रवाई से बालू माफिया डरे हुए हैं. चोरी छिपे नदियों से बालू उठाकर बेचने में लगे हैं. जिला खनन पदाधिकारी रामनाथ राय ने बताया कि टिकुल मरदा नदी पर प्रशासन की नजर है. यहां से बड़े पैमाने पर बालू का उठाव होता है. शनिवार को पुलिस ने बेहतरीन कार्रवाई करते हुए तीन ट्रैक्टर को जब्त किया है. जबकि तीन खाली डाला भी बरामद हुआ है.
हालांकि, कुछ चालक ट्रैक्टर के तीन इंजन लेकर भाग निकले. पुलिस ने इस मामले पर केस दर्ज कर लिया है. साथ ही जब्त किये गये ट्रैक्टर किन लोगों की है, इसकी भी जांच की जा रही है. प्रशासन ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. बता दें कि नदियों से बालू उठाव होने से ग्रामीणों में भी आक्रोश है. क्योंकि पालकोट वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में आता है, जहां नदियों से बालू उठाव होने से नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है. वहीं जंगली जानवरों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. साथ ही साथ इससे खेतीबारी भी प्रभावित हो रही है.