गुमला: तीन साल पहले तक शंख नदी का जो किनारा कभी यूं ही बेकार और खाली पड़ा रहता था. वही किनारा अब हरा-भरा हो गया है. जंगल का रूप लेने लगा और खूबसूरत लगने लगा है. वन प्रमंडल गुमला की पहल से बेकार और खाली पड़ा शंख नदी के किनारे हरियाली छायी हुई है. वर्ष 2019 के जुलाई-अगस्त माह में प्रमंडल की ओर से सामाजिक वाणिकी योजना के तहत जारी प्रखंड के श्रीनगर से लेकर चैनपुर प्रखंड के बेंदोरा होते हुए रायडीह शंख नदी के किनारे तक 21 हजार पौधारोपण कराया गया था.
श्रीनगर में नदी के किनारे सात हजार पौधा, बेंदोरा में छह हजार एवं रायडीह में आठ हजार पौधारोपण कराया गया था. जिसमें से वर्तमान में लगभग 18500 पौधे अब बड़े होकर पेड़ का रूप लेने लगे हैं. तीन वर्षों में ही महज कुछ इंच का प्राय: पौधा अब 10 से 15 फीट तक ऊंचा हो गया है. इस पौधारोपण कार्य में 85-90 लाख रुपये खर्च हुआ.
जिसका परिणाम आज यह है कि नदी के किनारे हरियाली छायी हुई है. बतातें चलें कि लगभग 15 साल पहले भी वन प्रमंडल द्वारा उक्त क्षेत्रों में पौधारोपण कराया गया था. परंतु पौधारोपण के कुछ दिनों बाद ही कुछ लोगों द्वारा आग लगाकर पौधा को बरबाद कर दिया गया था. इधर, वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) श्रीकांत की पहल पर वर्ष 2019 में फिर से पौधारोपण कराया गया. जो अब जंगल का रूप लेने लगा है.
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वन प्रमंडल ने शंख नदी के किनारे श्रीनगर, बेंदोरा व रायडीह में 2019 में पौधारोपण कराया था.
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तीन सालों में कुछ इंच का पौधा बड़ा होकर 10 से 15 फीट तक ऊंचा हो गया है.
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पेड़ों के कारण नदी के किनारे जमीन के मिट्टी की कटाव की समस्या खत्म हुई. किसानों के फसल भी सुरक्षित
रिपोर्ट- जगरनाथ पासवान