गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड में हाइकोर्ट के फैसले के बाद सिर्फ गुमला जिला में 318 शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गयी है. नियोजन नीति रद्द किये जाने की वजह से अगर इन शिक्षकों की नौकरी गयी, तो जिला के कम से कम 56 स्कूलों पर ताला लटक जायेगा.
झारखंड में हाई स्कूल के शिक्षकों की बहाली निरस्त करने के हाइकोर्ट के फैसले का यह असर होगा. इन 318 शिक्षकों की नौकरी गयी, तो गुमला जिला में 56 हाई स्कूलों को बंद करना पड़ेगा. इसकी वजह से करीब आठ हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक जायेगा.
गुमला के इन 318 शिक्षकों की नियुक्ति उन स्कूलों में हुई थी, जहां कोई टीचर नहीं था. इन्हीं शिक्षकों ने स्कूलों को संभाला. अब अगर इनकी नौकरी चली गयी, तो फिर से स्कूलों को बंद करने की नौबत आ जायेगी. शिक्षक बहाली के बाद दो साल से जिले में मैट्रिक का परीक्षा परिणाम बेहतर है.
सबसे ज्यादा असर 56 उत्क्रमित हाई स्कूलों पर पड़ेगा. इन्हीं 56 स्कूलों में सबसे ज्यादा नये शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. गुमला जिले में 92 हाई स्कूल हैं. इसमें उत्क्रमित हाई स्कूलों की संख्या 56, राजकीयकृत हाई स्कूल 21 व प्रोजेक्ट हाई स्कूल 15 हैं.
इन 92 हाई स्कूलों में 22,690 विद्यार्थी पढ़ते हैं. गुमला जिला के 92 हाई स्कूलों में 828 शिक्षकों की जरूरत है. इसकी जगह इस वक्त 423 शिक्षक काम रहे हैं. 318 वे नये शिक्षक हैं, जिनकी नियुक्ति उस नियोजन नीति के तहत हुई थी, जिसे झारखंड हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
नयी नियोजन नीति के तहत बहाल किये गये 318 शिक्षकों की नौकरी चली गयी, तो जिला के 92 हाई स्कूलों में मात्र 105 शिक्षक बचेंगे. ऐसा हुआ, तो एक स्कूल में एक शिक्षक ही बचेगा. आश्चर्य की बात है कि जिले कुल 92 में से 91 हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं.
संत तुलसीदास हाई स्कूल सिसई गुमला जिला का एकमात्र स्कूल है, जहां प्रधानाध्यापक हैं. तारामनी तांबा इस स्कूल की प्रधानाध्यापक हैं. बाकी 91 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद प्रभार पर चल रहे हैं. गुमला जिले में पहले से हाई स्कूल की शिक्षा व्यवस्था कामचलाऊ तरीके से चल रही है.
माध्यमिक शिक्षक संघ गुमला के जिला सचिव रामानुज शर्मा ने कहा है कि गुमला जिले में पुराने 105 और नये 318 शिक्षकों को मिलाकर कुल 423 शिक्षक हैं. अगर सरकार 318 शिक्षकों की नौकरी नहीं बचा पाती है, तो जिले के 56 स्कूलों को बंद करना पड़ जायेगा. इससे आठ हजार से ज्यादा बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा. इसलिए जिन नये शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा है, सरकार पहल करे और उनकी नौकरी बचाये.
शिक्षकों का कहना है कि हाई स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी. बच्चों को पढ़ाने में परेशानी हो रही थी. अभी जिन 318 नये शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उससे हाई स्कूलों की स्थिति में थोड़ा सुधार आया है. सरकार को इन शिक्षकों की नौकरी बचाने की पहल करनी चाहिए. के लिए पहल करनी चाहिए.
गुमला के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र पांडे कहते हैं कि जिले में 319 नये शिक्षकों की बहाली करनी थी. इनमें एक शिक्षक नहीं आये. इसलिए 318 शिक्षकों की ही बहाली हुई. नये शिक्षकों को हटाने व मानदेय रोकने संबंधी कोई पत्र अभी तक विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है.
Posted By : Mithilesh Jha