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गुमला के बिशुनपुर में स्थित इस मंदिर के शिवलिंग का हर छह माह में बदलता है रंग, भक्तों की उमड़ती भीड़

सेरका गांव स्थित इस मंदिर का रंग साल में दो बार बदल जाता है. कभी वह लाल हो जाता है, तो कभी सफेद. खास बात यह है कि सावन आते मंदिर का शिवलिंग सफेद रंग में हो जाता है, जिससे लोगों का अटूट आस्था इस शिवालय से है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2023 1:29 PM

बिशुनपुर मुख्यालय से सटे सेरका गांव स्थित अति प्राचीन शिवालय मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. मंदिर में खासियत यह है कि नागेश्वर नाथ व दुधेश्वर नाथ दो शिवलिंग हैं, जिनका साल में दो बार रंग बदल जाता है. कभी वह लाल हो जाता है, तो कभी सफेद. खास बात यह है कि सावन आते मंदिर का शिवलिंग सफेद रंग में हो जाता है, जिससे लोगों का अटूट आस्था इस शिवालय से है.

भक्ति व श्रद्धा यहां देखने को मिलता है. मंदिर अति प्राचीन होने से इसकी नक्काशी भी देखते बनती है. बताया जाता है कि अंग्रेजों का भारत आगमन से वर्षों पूर्व एक साहू ने राजा भैया साहब से भीख में जमीन मांग कर सेरका चट्टी स्थित शिवालय मंदिर व तालाब का निर्माण कराया था. गांव के वृद्ध चंदू गिरी कहते हैं कि मैं अपने नाना से सुना था. राजा भैया साहब के राज्य में एक साहू परिवार रहता था, जो निर्वंश था.

उसने अपने जीवन काल के समय राजा भैया साहब से भीख में एक जमीन का टुकड़ा मांग कर इस मंदिर का निर्माण कराया था. इसमें दुधेश्वर व नागेश्वर नामक शिवलिंग स्थापित कराया था. इस मंदिर से लोगों की खूब आस्था थी. शिवलिंग छह माह में अपना रंग बदल कर सफेद से लाल हो जाया करता था. बताया जाता है कि इस शिवालय में जो पूर्ण विश्वास के साथ मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नत पूरी होती है. सावन माह में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

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