कोरोना संक्रमण के कारण झारखंड में स्कूल- कॉलेज बंद, ऑनलाइन पढ़ाई में स्टूडेंट्स को हाे रही परेशानी, टीचर्स को भी समझाने में होती है मुश्किल

Jharkhand News (गुमला) : कोरोना महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थान बंद है. छात्र घर पर हैं. कुछ स्कूल व संस्थान ने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है. प्रभात खबर प्रतिनिधि अंकित चौरसिया ने शिक्षक व छात्रों से ऑनलाइन क्लास से किस प्रकार पढ़ाई हो रहा है. क्या परेशानी आ रही है. इन मुददों पर बात की. अधिकांश शिक्षकों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई कराना मुश्किल काम है. वहीं, छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में कई विषय समझ से परे है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2021 3:47 PM

Jharkhand News (गुमला) : कोरोना महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थान बंद है. छात्र घर पर हैं. कुछ स्कूल व संस्थान ने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है. प्रभात खबर प्रतिनिधि अंकित चौरसिया ने शिक्षक व छात्रों से ऑनलाइन क्लास से किस प्रकार पढ़ाई हो रहा है. क्या परेशानी आ रही है. इन मुददों पर बात की. अधिकांश शिक्षकों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई कराना मुश्किल काम है. वहीं, छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में कई विषय समझ से परे है.

ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर क्या सोचते हैं टीचर्स

प्रोफेसर अमित कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने से शिक्षा जगत में ऑनलाइन पढ़ाई में क्रांति आयी है. विद्यालय व महाविद्यालय नियमित बंद होने पर बच्चे मोबाइल या डेस्कटॉप इत्यादि माध्यमों से घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं. इस दौरान बच्चे अपनी आंखों का ख्याल रखते हुए लंबे समय तक पढ़ाई नहीं करें. बीच बीच में अपने आंखों को आराम दें.

वहीं, प्रोफेसर नीलम प्रतिमा मिंज ने कहा कि विद्यार्थी अभी के समय में पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दें क्योंकि शिक्षा संस्थान बंद होने के कारण आप की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है. इसलिए आप अपना टाइम टेबल बना कर पढ़ाई करें. ऑनलाइन पढ़ाई का सदुपयोग करें.

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प्रोफेसर पूनम भगत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बच्चे घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा वरदान है. लेकिन, इसके कुछ नुकसान भी है. लंबे समय तक मोबाइल का स्क्रीन में पढ़ने से आंखों में परेशानी होती है.

संत इग्नासियुस के शिक्षक जफर इमाम ने कहा कि कोरोना महामारी ने मनुष्य के जीवनशैली बदल कर रख दिया है. इससे सबसे अधिक शिक्षा जगत प्रभावित हुआ है. ऑनलाइन क्लास से सभी विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. टोटो के सनराइस स्कूल के शिक्षक रवि कुमार राम ने कहा कि कोरोना सक्रमण के कारण ऑनलाइन शिक्षा काफी विकसित हुआ है. जिसमें अधिकांश बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई का पूरा सदुपयोग किये हैं. लेकिन, ग्रामीण इलाकों के छात्रों को काफी परेशानी आयी है. इसके अलावा बच्चों को कम उम्र में अधिक समय तक गैजेट्स का उपयोग हानिकारण हो रहा है.

ऑनलाइन पढ़ाई पर छात्रों की राय

केओ कॉलेज, गुमला की छात्रा अनुप्रिया कुमारी ने कहा कि जब से कॉलेज की कक्षा बंद हुआ है. तब से पढ़ाई पर बहुत बुरा असर देखने को मिल रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई से जो आउटपुट की उम्मीद रहती है. उतना लाभ हमें नहीं मिल पाता है. शिक्षकों से सवाल पूछने में कठिनाई आती है और नेटवर्क कनेक्टिविटी भी सही नहीं रह पाता है. छात्र अभिजीत कुमार ने कहा कि आने वाले समय में जो परीक्षाएं आयोजित होंगी. उसके लिए कॉलेज बंद होने से हमारा आधार कमजोर हो रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई उतनी रुचिकर नहीं है. क्योंकि वीडियो में चल रही कक्षा स्पष्ट रूप से समझ नहीं आता है.

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वहीं, छात्र शुभम कुमार ने कहा कि ऑनलाइन क्लास सभी जगह समान रूप से कार्य नहीं करता है. दूर-दराज के क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है. साथ ही बारिश के मौसम में बिजली नहीं रहने से कभी-कभी मोबाइल भी बंद हो जाता है. छात्र अभिमन्यु नायक ने कहा कि अभी इस कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है और हम विद्यार्थियों को पढ़ाई में काफी परेशानियां आ रही है क्योंकि स्कूल कॉलेज तथा हमारे कोचिंग संस्थान बंद हैं. इस वजह से पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है.

छात्र अभिषेक कुमार ने कहा कि लॉकडाउन लगने से पढ़ाई प्रभावित हुआ है. कुछ हद तक ऑनलाइन पढ़ाई कारगर साबित हो रहा है. परंतु ऑनलाइन क्लास में पूरा सलेबस पुरा नहीं हो पायेगा. छात्रा निशा कुमारी ने कहा कि ऑनलाइन क्लास कहीं से भी पढ़ाई के लिए बेहतर विकल्प नहीं है. ऑफलाइन क्लास करने से छात्र प्रत्यक्ष रूप से शिक्षक के मार्गदर्शन में रहकर बेहतर शिक्षा प्राप्त करते हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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