गुमला : गुमला के सदर अस्पताल में अब चर्म रोग के अलावा नाक, कान व गला का इलाज होगा. पहले स्कीन व इएनटी (नाक, कान व गला) रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था. परंतु सदर अस्पताल गुमला में चर्म व इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता कुमारी की प्रतिनियुक्ति हुई है. सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शनिवार को स्कीन व इएनटी की जांच होगी.
डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर सदर अस्पताल गुमला में स्कीन व इएनटी की ओपीडी सेवा शुरू होगी. दवा वितरण कक्ष के बगल वाले कमरे में इसका संचालन किया जायेगा. डॉक्टर श्वेता कुमारी प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार व शनिवार को ओपीडी में बैठ कर मरीजों की जांच करेंगी. वे मंगलवार व शनिवार को सदर अस्पताल पहुंच कर जांच करा कर अपना इलाज करा सकते हैं.
सदर अस्पताल गुमला में सुरक्षा व्यवस्था व चिकित्सीय व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. उपरोक्त व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 32 सीसीटीवी कैमरा व सदर अस्पताल के सभी वार्डो सहित इमरजेंसी व पोस्टमार्टम हाउस में इंटरकॉम सेवा शुरू होगी. यह बातें डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कही. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल गुमला में आये दिन सड़क हादसे सहित अन्य कई कारणों से हंगामा होता है.
जिसे देखते हुए एचएमएस (अस्पताल प्रबंधन समिति) की बैठक में इस मुद्दा को रखा गया था. जिसमें समिति ने प्रस्ताव पारित कर सदर अस्पताल में इंटरकॉम सेवा व 32 सीसीटीवी कैमरा का प्रस्ताव पारित किया है. जिसके तहत उसे लगाने की कवायद शुरू हो गयी है. उक्त कैमरा पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, शिशु वार्ड, ओटी कक्ष के बाहर, प्रसव कक्ष में, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम हाउस सहित अस्पताल के अंदर व बाहर निकलने वाले प्रवेश स्थल पर संचालित किया जायेगा, जो काफी हाई क्वालिटी का होगा.
इंटरकॉम सेवा के लिए डीएस ने बताया कि उपरोक्त सभी वार्डों में यह सेवा शुरू होगी. यह सेवा शुरू करने के लिए कनेक्शन पूर्व में किया गया है. लेकिन सिर्फ टेलीफोन व माइकिंग की जांच की जा रही है. शीघ्र ही इसे अंजाम तक पहुंचाया जायेगा. ताकि सदर अस्पताल गुमला में सुरक्षा व चिकित्सीय व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके. अस्पताल में आये दिन हंगामा होता है. जिसके कारण चिकित्सक सहित चिकित्सा कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीज व वार्ड में होनेवाली परेशानियों को इंटरकॉम सेवा से जानकारी मिलने पर अविलंब कार्रवाई कर मरीज की जान बचाने में काफी सुविधा मिलेगी. यह प्रणाली कारगर साबित होगी.