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दिव्यांग झुबली की बेबसी देख गुमला डीसी ने दिये कंबल व साड़ी, एक सप्ताह में पेंशन स्वीकृत करने का निर्देश

Jharkhand news, Gumla news :ठंड का मौसम. तन ढकने के लिए कपड़ा है, लेकिन ठंड से बचने के लिए कंबल एवं स्वेटर नहीं. साड़ी भी कटे- फटे पुराने है. दोनों पैर से विकलांग है. जमीन पर घसीटते हुए जिंदगी गुजर रही है. यह कहानी घाघरा प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत स्थित चेचेपाट गांव की झुबली उराईन की है. उम्र करीब 35 साल है. शादी नहीं हुई है. घर में भाई एवं भाभी है, लेकिन गरीबी के कारण भाई भी मदद नहीं कर पाता है. एक साल पहले तक झुबली को विकलांग पेंशन मिलता था. दिसंबर 2019 से उसका पेंशन बंद हो गया है. जिससे उसकी जिंदगी कष्ट में जी रही है. गांव में ही इधर-उधर मांगकर खाती है. जिससे वह अब तक जिंदा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2020 5:45 PM
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Jharkhand news, Gumla news : गुमला (जगरनाथ) : ठंड का मौसम. तन ढकने के लिए कपड़ा है, लेकिन ठंड से बचने के लिए कंबल एवं स्वेटर नहीं. साड़ी भी कटे- फटे पुराने है. दोनों पैर से विकलांग है. जमीन पर घसीटते हुए जिंदगी गुजर रही है. यह कहानी घाघरा प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत स्थित चेचेपाट गांव की झुबली उराईन की है. उम्र करीब 35 साल है. शादी नहीं हुई है. घर में भाई एवं भाभी है, लेकिन गरीबी के कारण भाई भी मदद नहीं कर पाता है. एक साल पहले तक झुबली को विकलांग पेंशन मिलता था. दिसंबर 2019 से उसका पेंशन बंद हो गया है. जिससे उसकी जिंदगी कष्ट में जी रही है. गांव में ही इधर-उधर मांगकर खाती है. जिससे वह अब तक जिंदा है.

शुक्रवार को सरकारी मदद की आश लिए झुबली गुमला पहुंची. समाहरणालय भवन के पास बैठकर झुबली डीसी कार्यालय खोज रही थी. इसकी जानकारी जब गुमला डीसी शिशिर कुमार सिन्हा को हुई, तो वे झुबली की दयनीय स्थिति से अवगत हुए. झुबली की स्थिति को देख डीसी श्री सिन्हा का दिल पसीज गया. डीसी ने अपने बॉडीगार्ड पुलिसकर्मी अखिलेश कुमार उपाध्याय को गोपनीय कार्यालय से कंबल एवं साड़ी लाने का निर्देश दिया. बॉडीगार्ड द्वारा कंबल लाने के बाद डीसी ने झुबली को कंबल दिया. कंबल पाने के बाद झुबली के चेहरे पर खुशी दिखी.

गुमला डीसी ने डीएसडब्ल्यूओ सीता पुष्पा को झुबली उराइन को विकलांग पेंशन बनवाने का निर्देश दिये. जिससे उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो. डीसी के निर्देश के बाद डीएसडब्ल्यूओ ने घाघरा सीडीपीओ अनुपमा को एक सप्ताह के अंदर झुबली का आवेदन भरकर स्वामी विवेकानंद पेंशन योजना का लाभ देने के लिए कहा है. वहीं, डीसी की पहल पर महिला को एक साड़ी दी गयी.

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समाजसेवी ने भी की मदद

झुबली की दयनीय स्थिति की जानकारी जब समाजसेवी रमेश कुमार चीनी को हुई, तो वे भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने महिला को 500 रुपये नकद, एक कंबल एवं स्वेटर दिये. प्रशासन एवं समाजसेवी से मदद मिलने के बाद झुबली के चेहरे पर खुशी दिखी. जाते- जाते उन्होंने पेंशन दिलाने की मांग की.

रास्ते में मदद मिली, तो पहुंची

चेचेपाट गांव उग्रवाद प्रभावित है. जब उसका पेंशन बंद हो गया, तो वह एक साल तक ब्लॉक का चक्कर काटते रही. थक- हार कर वह गुमला डीसी से मिलने को सोची. वह चलने में असमर्थ है. गांव के नरेन उरांव ने उसे बाइक में बैठाकर टोटांबी गांव तक छोड़ दिया. इसके बाद वहां से गुजर रहे परमेश्वर साहू ने झुबली की मदद की. उसे ऑटो में बैठाकर गुमला लाया और डीसी कार्यालय पहुंचाया. यहां तक कि झुबली के आवदेन की फोटो कॉपी भी परमेश्वर ने करा दी.

Posted By : Samir Ranjan.

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