आदिवासियों का तीर्थस्थल बनेगा सिरसी-ता-नाले, कुंभ मेले की तरह मान्यता दिलाने का होगा प्रयास, बोले चमरा लिंडा

Sirsi-Ta-Nale Tribal Pilgrimage Site: झारखंड के गुमला जिले में स्थित सिरसी-ता-नाले को आदिवासी तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसे कुंभ मेले की तरह मान्यता दिलाने का प्रयास भी किया जायेगा.

By Mithilesh Jha | February 3, 2025 7:02 PM

Tribal Pilgrimage Site| गुमला जिले में डुमरी प्रखंड के सिरसी-ता-नाले को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. हेमंत सोरेन सरकार के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, ‘धर्म, समाज को एकजुट करने की शक्ति प्रदान करता है. आदिवासी समाज सदियों से सूर्य, चंद्रमा, धरती, जल, जंगल और प्रकृति की पूजा करता रहा है. यही हमारी पहचान का मूल आधार है.’ उन्होंने घोषणा की कि सिरसी-ता-नाले क्षेत्र को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर कुंभ मेले की तरह मान्यता दिलाने का प्रयास होगा. चमरा लिंडा गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित अकासी पंचायत में सोमवार (3 फरवरी 2025) को आयोजित सिरसी-ता-नाले (दोन) कंकड़ो लता राजकीय समारोह को संबोधित कर रहे थे.

माघ पंचमी पर हर साल गुमला में होगा भव्य आयोजन

चमरा लिंडा ने कहा कि अब हर साल माघ पंचमी के अवसर पर इस स्थल पर भव्य आयोजन किया जाएगा. इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे. इस आयोजन को उन्होंने आदिवासी धर्म और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. मंत्री ने कहा कि यह स्थल आदिवासियों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता का केंद्र बनेगा, जहां लोग आत्मिक शांति और अपने दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकेंगे.

सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे – चमरा लिंडा

हेमंत सोरेन सरकार में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने सरना धर्म को भारत सरकार से मान्यता दिलाने के लिए चल रहे संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है.

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आयोजन को और भव्य रूप दिया जायेगा – जिग्गा सुसारन होरो

इस अवसर पर गुमला जिले के सिसई विधानसभा क्षेत्र के विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि अगले वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य रूप दिया जायेगा. उन्होंने उन श्रद्धालुओं की भी सराहना की, जो उपवास करके लंबी दूरी तय करते हुए इस पवित्र स्थल तक पहुंचे हैं.

राजकीय महोत्सव में मंच पर मौजूद झारखंड के विधायक और आदिवासी नेता. फोटो : प्रभात खबर

पूर्वजों की परंपराओं को संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य – राम सूर्य मुंडा

खूंटी के विधायक राम सूर्य मुंडा ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने जो परंपराएं स्थापित की हैं, उन्हें संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है. हमें अपने जंगल, पहाड़ और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को सुरक्षित रखना होगा.’

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ऐतिहासिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास – सुखराम

चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बताया. कहा कि सरकार धार्मिक स्थलों के माध्यम से ऐतिहासिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है. इस आयोजन से समाज अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ सकेगा. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से अब लोग कंकड़ो लता के ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे.

गुमला के उपायुक्त और हजारों श्रद्धालु रहे मौजूद

इस आयोजन में खिजरी के विधायक राजेश कच्छप सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य अतिथि शामिल हुए. गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और हजारों श्रद्धालु भी मौजूद थे.

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