हर घर नल जल योजना की स्थिति गुमला-लोहरदगा में दयनीय, लोकसभा के शीतकालीन सत्र में बोले सांसद सुदर्शन भगत
लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत ने हर घर नल जल योजना और जल जीवन मिशन की गुमला और लोहरदगा जिलों में स्थिति दयनीय बतायी. लोकसभा के शीतकालीन सत्र में बोलते हुए सांसद ने कहा कि इन दोनों जिलों में भू-जल में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने कारण किडनी संबंधी रोग बढ़ रहे हैं.
Jharkhand News: लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ‘हर घर नल जल योजना’ का गंभीर मुद्दा उठाया है. साथ ही गुमला और लोहरदगा जिले की स्थिति से अवगत कराया है. श्री भगत ने कहा है कि मैं सदन में झारखंड राज्य की जनजाति बहुल एवं ग्रामीण बहुल लोहरदगा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं. बाबा टांगीनाथ की भूमि, प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण, रत्नगर्भा धरती, कृषि पर आधारित जीवन शैली, अपनी समृद्ध संस्कृति को समेटे हुए यह क्षेत्र आज अनेकों चुनौतियों से जूझ रहा है.
भू-जल में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने से किडनी संबंधी रोग बढ़ रहे
आर्थिक रूप से पिछड़ा होने के साथ-साथ, प्राकृतिक विषमताओं से गुमला, लोहरदगा जिला क्षेत्र भरा हुआ है. भू-जल में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने कारण किडनी संबंधी रोग बढ़ रहे हैं. कई प्रकार के कुपोषण के लोग शिकार हो रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में मैं देश के प्रधानमंत्री का गुमला, लोहरदगा सहित संपूर्ण झारखंड की जनता की ओर से अभिवादन करता हूं कि आपके नेतृत्व में आपकी पहल पर हर घर नल जल योजना की शुरुआत की गयी.
जल जीवन मिशन की स्थिति भी खराब
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आजादी के 75 साल बाद भी देश के लगभग 50 प्रतिशत लोग शुद्ध पेयजल से वंचित थे. केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग सरकार ने इसके लिए काम किया है. लेकिन, वास्तविकता यह है कि देश के लोग विशेषकर महिलाओं को पीने के पानी के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है. इसलिए प्रधानमंत्री ने ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी, लेकिन लोकहित में मेरे संसदीय क्षेत्र के गुमला अौर लोहरदगा जिला में यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. राज्य सरकार इस महत्वपूर्ण योजना को ठीक से संचालित नहीं कर पा रही है. अपने तय लक्ष्य से बहुत पीछे होने के साथ-साथ ठेकेदारों की मनमानी के कारण भी हर घर जल योजना से लक्षित लाभुक लाभांवित नहीं हो रहे हैं.
झारखंड सरकार पर निशाना
लोहरदगा सांसद ने कहा कि झारखंड के सुदूर गावों में रहने वाले लोग, हमारी माताएं-बहनें आज भी पेयजल के लिए परेशान हो रही हैं. यह केवल झारखंड सरकार की लापरवाही के कारण है. झारखंड सरकार अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण पूरे राज्य में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में इस योजना को प्रभावी रूप से जानबूझ कर नहीं चलने देना चाहती है. उन्होंने सरकार से यह मांग किया है कि राज्य में इस योजना को प्रभावी रूप से न चलने अथवा न चलाये जाने की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही राज्य के घर-घर तक पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने की सुनिश्चितता होनी चाहिए.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.