मानव तस्करी व अंधविश्वास झारखंड की सबसे बड़ी समस्या : पुलिस महानिरीक्षक

पुलिस विभाग का जन शिकायत समाधान कार्यक्रम

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2024 10:31 PM

पुलिस विभाग का जन शिकायत समाधान कार्यक्रम

गुमला.

शहर के नगर भवन में पुलिस विभाग ने जन शिकायत समाधान कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रांची जोन के पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश कुमार झा, डीसी कर्ण सत्यार्थी, एसपी शंभु कुमार सिंह, एसडीओ राजीव नीरज, डालसा सचिव रामकुमार गुप्ता थे. कार्यक्रम में जमीन विवाद, डायन बिसाही, घूसखोरी व आपसी विवाद के सबसे अधिक मामले आये. वहीं गुमला के पूर्वी क्षेत्र मुरकुंडा के लोगों ने गांव की सुरक्षा के लिए गांव में नये थाना या पुलिस पिकेट की स्थापना करने की मांग की. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा है कि जन शिकायत कार्यक्रम जिला ही नहीं अनुमंडल व थाना स्तर पर भी हो रहा है. पुलिस का मोटो है सेवा ही लक्ष्य. झारखंड पुलिस राज्य की जनता की सेवा के लिए है. इसलिए झारखंड के सभी जिलों में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम हो रहा है, ताकि आप जनता अपनी समस्याओं को लेकर पुलिस के पास आयें व आपकी समस्याओं का समाधान हो. कहा कि पुलिस व जनता के बीच के संबंध को बेहतर करना है. कहा कि झारखंड की तीन महत्वपूर्ण समस्याएं हैं, जिसमें मानव तस्करी, अंधविश्वास व सड़क हादसे शामिल हैं. इन तीन मुद्दों पर पुलिस काम कर रही है. आज कल देखा जा रहा है कि नाबालिग लड़कियों को ठग कर दिल्ली समेत दूसरे राज्यों ले जाया जा रहा है. इसलिए लोगों से अपील है कि आप किसी के बहकावे में न आकर अपनी बेटियों को पलायन करने नहीं दें. 21वीं सदी में किस प्रकार अंधविश्वास है. यह हम सभी जानते हैं. जमीन हड़पने के लिए भी डायन बिसाही कह कर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. इसलिए लोग जागरूक बने. श्री झा ने कहा है कि मैं गुमला पुलिस को निर्देश देता हूं कि जो भी समस्याएं आती हैं, उसका समाधान जरूर करें. लोगों से भी अनुरोध है कि जो भी समस्याएं हैं, उसे पुलिस को बतायें.

आप एक कॉल करें, पुलिस आपकी मदद करेगी : एसपी

एसपी शंभू कुमार सिंह ने कहा है कि आप जनता की जो शिकायतें आती हैं, उसका समाधान होगा. अगर जिला स्तर पर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उक्त समस्या का समाधान राज्य स्तर से किया जायेगा. आज से यह कार्यक्रम शुरू हुआ है. पुलिस द्वारा जो नंबर जारी किया गया है, वह 24 घंटे जारी रहेगा. आप कभी भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. मंगलवार को गुमला जिले के अलग-अलग पुलिस सेंटर में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम हुआ है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है आपकी समस्याओं का समाधान करना. पुलिस 24 घंटे जनता की समस्याओं दूर करने के लिए तैयार है. आज के बाद यह कार्यक्रम अब हर 15 दिन या महीने में होगी, जिसमें किसी प्रकार की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. पुलिस के खिलाफ भी कोई शिकायत है, तो जरूर बतायें. एसपी ने कहा कि गांव के लोग डायन बिसाही के प्रति जागरूक बनें व बच्चों को मानव तस्करी होने से बचायें. नागरिकों को पुलिस से कोई भी अपेक्षा है, तो आप पुलिस के पास रखें. अगर आप थाना नहीं जाना चाहते हैं, तो आप जारी नंबर पर कॉल करें. पुलिस आपके पास जायेगी.

गुमला में समाप्त होने के कगार पर नक्सलवाद : डीसी

डीसी कर्ण सत्यार्थी ने कहा है कि एक समय था, जब गुमला जिले में नक्सल चरम पर था. परंतु पुलिस ने बेहतर काम कर गुमला को नक्सल मुक्त करने में सफल रही है. जिले के कई इलाके नक्सल मुक्त हो गये हैं. अब लोग बेखौफ रह रहे हैं. परंतु नक्सल मुक्त होने के बाद भी गुमला जिले के कई ऐसे गांव हैं, जो आज भी उपेक्षित है. प्रशासन व पुलिस दूरस्थ गांवों के लोगों से तालमेल स्थापित नहीं कर पाये हैं. ऐसे गांवों के लोगों के बीच हमें जाने की जरूरत है. लोगों से बात करने व उनकी समस्याओं को सुनने की जरूरत है, तभी हम दूरस्थ गांवों को भी विकास से जोड़ सकते हैं. जन शिकायत समाधान कार्यक्रम से दूरस्थ लोगों को लाभ मिलेगा. लोग कार्यक्रम में आकर अपनी बातों व समस्याओं को रखें. आपकी समस्याओं को पुलिस के माध्यम से दूर की जायेगी. डीसी ने कहा है कि इस क्षेत्र में नक्सल के खिलाफ जो काम हुआ है, उसका पूरा देश लोहा मानता है. मौके पर एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव, डीएसपी वीरेंद्र टोप्पो, इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विनय कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी शंभु कुमार सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.

पुलिस प्रशासन की लोगों से अपील

डायन बिसाही के चक्कर में न पड़ें, यह असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाने वाला भ्रम हैसाइबर क्राइम से बचें, इसके लिए फर्जी कॉल पर ध्यान नहीं दें. साइबर क्राइम होने पर इसकी शिकायत जरूर करें

मानव तस्करों से सावधान रहते हुए अपनी बेटियों को पढ़ायें व सरकारी योजना का लाभ लेंसड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कर वाहन धीरे चलायें. वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें व शराब पीकर कभी वाहन नहीं चलायें

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